🗓️ Amarnath Yatra 2025 : 3 जुलाई 2025 से 8 अगस्त 2025
📢 घोषणा: जम्मू-कश्मीर प्रशासन और श्री अमरनाथजी श्राइन बोर्ड (SASB)
🔒 सुरक्षा उपाय: नो-फ्लाई ज़ोन, UAV, ड्रोन, गुब्बारे बैन
🚁 हेलिकॉप्टर सेवा: पूरी यात्रा अवधि में बंद
🧑⚕️ अपवाद: मेडिकल इमरजेंसी, डिजास्टर मैनेजमेंट, सिक्योरिटी सर्विलांस
Amarnath Yatra 2025:विषय सूची (Table of Contents)
हेलिकॉप्टर सेवा क्यों बंद की गई?
SASB और प्रशासन का आदेश
यात्रा रूट और नो-फ्लाई ज़ोन
आतंकवादी हमले का असर
यात्रियों की प्रतिक्रिया
विशेषज्ञों की राय
स्थानीय लोगों की भूमिका
सुरक्षा व्यवस्था और SOP
गॉसिप और अफवाहें
निष्कर्ष
हेलिकॉप्टर सेवा क्यों बंद की गई?
श्री अमरनाथजी यात्रा 2025 में पहली बार हेलिकॉप्टर सेवा बंद कर दी गई है। यह निर्णय अप्रैल 2025 में पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद लिया गया, जिसमें 25 तीर्थयात्रियों और एक स्थानीय घोड़े वाले की मौत हो गई थी। सुरक्षा कारणों से प्रशासन ने यह बड़ा कदम उठाया है।
SASB और प्रशासन का आदेश
श्री अमरनाथजी श्राइन बोर्ड (SASB) ने बुधवार को एक आधिकारिक वेबसाइट अपडेट में यह जानकारी दी कि यात्रा के दौरान दोनों मुख्य मार्गों – पहलगाम और बालटाल – पर कोई हेलिकॉप्टर सेवा उपलब्ध नहीं होगी।
यात्रा रूट और नो-फ्लाई ज़ोन
जम्मू-कश्मीर प्रशासन ने 1 जुलाई से 10 अगस्त 2025 तक पूरे अमरनाथ यात्रा मार्ग को “नो-फ्लाई ज़ोन” घोषित किया है। इसके अंतर्गत नीचे दिए गए रूट शामिल हैं:
रूट | स्थिति |
---|---|
लखनपुर-जम्मू-काज़ीगुंड-पहलगाम | नो-फ्लाई ज़ोन |
लखनपुर-जम्मू-काज़ीगुंड-श्रीनगर-सोनमर्ग | नो-फ्लाई ज़ोन |

आतंकवादी हमले का असर
22 अप्रैल को हुए हमले के बाद कश्मीर घाटी में सुरक्षा को लेकर भारी चिंता देखी गई। केंद्र सरकार और गृह मंत्रालय ने सलाह दी थी कि यात्रा मार्गों पर हवाई गतिविधियां पूरी तरह बंद कर दी जाएं।
यात्रियों की प्रतिक्रिया
दिल्ली से आने वाले रामभक्त अनिल शर्मा कहते हैं,
“हम पिछले तीन सालों से हेलिकॉप्टर से यात्रा करते थे, लेकिन इस बार पैदल जाने का मन है। थोड़ी मुश्किल होगी लेकिन शिव की भक्ति में सब मंज़ूर है।”
कुछ बुज़ुर्ग तीर्थयात्रियों ने इस फैसले पर चिंता जताई है क्योंकि हेलिकॉप्टर सेवा उनके लिए एक सहूलियत थी।
विशेषज्ञों की राय
पूर्व आईपीएस अधिकारी और सुरक्षा विशेषज्ञ राकेश त्रिपाठी के अनुसार:
“यह निर्णय सुरक्षा की दृष्टि से उचित है। हवाई क्षेत्र से हमलों का खतरा अधिक होता है, और UAV या ड्रोन का उपयोग आतंकी निगरानी में कर सकते हैं।”
स्थानीय लोगों की भूमिका
जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने स्थानीय लोगों से सहयोग की अपील की है:
“यह यात्रा सिर्फ श्रद्धालुओं की नहीं, बल्कि घाटी के लोगों की भी है। हम सब मिलकर इसे सफल बनाएंगे।”
सुरक्षा व्यवस्था और SOP
गृह सचिव गोविंद मोहन की अध्यक्षता में हुई उच्चस्तरीय बैठक में आईबी, सेना, CRPF और स्थानीय प्रशासन के अधिकारियों ने हिस्सा लिया। एक विस्तृत SOP (Standard Operating Procedure) उन परिस्थितियों के लिए तैयार किया जाएगा जहां मेडिकल या सुरक्षा कारणों से हवाई सेवा जरूरी हो।

गॉसिप और अफवाहें
पिछले सप्ताह घाटी में अफवाह फैली थी कि “ड्रोन से यात्रा की लाइव स्ट्रीमिंग की जाएगी” – लेकिन प्रशासन ने इसे सिरे से खारिज किया। कुछ लोगों ने कहा कि बालटाल रूट को बंद किया जा सकता है, लेकिन SASB ने इस पर भी स्पष्ट किया कि दोनों रूट पैदल, घोड़े और पालकी से खुले रहेंगे।
Amarnath Yatra 2025 इस बार सुरक्षा के दृष्टिकोण से सबसे सख्त प्रबंधों के साथ होगी। हेलिकॉप्टर सेवा बंद करना, नो-फ्लाई ज़ोन लागू करना और ड्रोन/गुब्बारों पर बैन – यह सब तीर्थयात्रियों की सुरक्षा सुनिश्चित करने की दिशा में कदम हैं। श्रद्धालुओं को सलाह दी जा रही है कि वे पैदल या पालकी द्वारा यात्रा की तैयारी करें और SASB की वेबसाइट से अपडेट लेते रहें।