📌 अनुक्रमणिका (Table of Contents)
Kolkata Gangrape Case: घटना का पूरा विवरण
आरोपी का विवादित इतिहास
कॉलेज प्रशासन की चुप्पी और लापरवाही
टीएमसी नेताओं के विवादित बयान और राजनीति
महुआ मोइत्रा का तीखा जवाब
चश्मदीदों और छात्रों की गवाही
पुलिस जांच और सबूत
राजनीतिक घमासान और विरोध प्रदर्शन
निष्कर्ष: क्या सच में सुरक्षित हैं हमारे कॉलेज?
Kolkata Gangrape Case: घटना का पूरा विवरण
कोलकाता के साउथ कलकत्ता लॉ कॉलेज में 25 जून की रात एक 24 वर्षीय छात्रा के साथ गैंगरेप की वारदात सामने आई। छात्रा ने 26 जून को FIR दर्ज कराई। आरोप है कि दो सीनियर स्टूडेंट्स और एक पूर्व छात्र (मुख्य आरोपी मनोजित मिश्रा) ने मिलकर छात्रा को कॉलेज के गार्ड रूम में बंधक बनाकर बलात्कार किया।
आरोपी का विवादित इतिहास
आरोपी का नाम | भूमिका | पहले भी विवाद में |
---|---|---|
मनोजित मिश्रा | पूर्व छात्र, अस्थायी फैकल्टी | हां (यौन शोषण, मोर्फिंग, धमकी) |
जैब अहमद | छात्र | नहीं बताया गया |
प्रमित मुखर्जी | छात्र | नहीं बताया गया |
सूत्र: एक रिपोर्ट के अनुसार, मनोजित पर पहले भी यौन उत्पीड़न के आरोप लग चुके हैं। उसने लड़कियों की फोटोज मॉर्फ कर शेयर की, ब्लैकमेल किया, और कई बार शिकायत के बावजूद कोई कार्रवाई नहीं हुई।

कॉलेज प्रशासन की चुप्पी और लापरवाही
कॉलेज की वाइस प्रिंसिपल नयना चटर्जी ने बताया कि उन्हें इस घटना की जानकारी मीडिया से मिली।
पुलिस ने अगले दिन कॉलेज के दो कमरों को सील किया।
“ना तो गार्ड, ना स्टाफ और ना किसी छात्र ने मुझे बताया। पुलिस ने कहा, ‘ऑफिशियल ड्यूटी’ है और गार्ड को भी मत बताना,” – नयना चटर्जी
टीएमसी नेताओं के विवादित बयान और राजनीति
टीएमसी सांसद कल्याण बनर्जी ने कहा:
“अगर कोई दोस्त अपने दोस्त के साथ ऐसा करता है तो क्या किया जा सकता है?”
वहीं विधायक मदन मित्रा बोले:
“अगर लड़की कॉलेज बंद होने के बाद न जाती तो ये न होता।”
इन बयानों पर BJP ने तीखी प्रतिक्रिया दी:
“ये सीधा विक्टिम ब्लेमिंग है” – अमित मालवीय (BJP)
महुआ मोइत्रा का तीखा जवाब
टीएमसी सांसद महुआ मोइत्रा ने सोशल मीडिया पर लिखा:
“मिसोजिनी सिर्फ एक पार्टी की नहीं, यह पूरे सिस्टम में फैली हुई है। फर्क सिर्फ इतना है कि TMC ऐसे घिनौने बयान देने वालों की निंदा करती है।”
उन्होंने TMC के आधिकारिक बयान को भी शेयर किया जिसमें पार्टी ने दोनों नेताओं से दूरी बनाई और आरोपियों को सख्त सज़ा देने की मांग की।
चश्मदीदों और छात्रों की गवाही
छात्रों का कहना है कि मनोजित कॉलेज में डर का दूसरा नाम बन चुका था।
“हमने टीचर-इन-चार्ज को भी शिकायत दी थी, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई। यूनियन से जुड़े लोग सब कुछ कर सकते थे।” – एक छात्रा
पुलिस जांच और सबूत
पुलिस ने आरोपी मनोजित, जैब, प्रमित और गार्ड को गिरफ्तार कर लिया है।
फॉरेंसिक जांच के लिए तीन जगहों से सबूत जुटाए गए – गार्ड रूम, यूनियन रूम और वॉशरूम।
सबूत | विवरण |
---|---|
CCTV फुटेज | तीनों आरोपियों की मूवमेंट कैद |
बॉटल्स, बाल, हॉकी स्टिक | जब्त, लैब भेजा गया |
विक्टिम का बयान | विस्तृत, स्पष्ट रूप से डर व धमकी का जिक्र |
राजनीतिक घमासान और विरोध प्रदर्शन
BJP नेता सुकांत मजूमदार के नेतृत्व में विरोध मार्च निकाला गया जिसे पुलिस ने रोका और मजूमदार समेत कई नेताओं को हिरासत में ले लिया गया।
“हम कॉलेज जाकर पीड़िता के लिए इंसाफ मांगना चाहते थे, लेकिन हमें रोका गया।” – BJP

निष्कर्ष: क्या सच में सुरक्षित हैं हमारे कॉलेज?
यह मामला सिर्फ एक घटना नहीं, बल्कि उस सिस्टमिक फेल्योर की निशानी है जहां
यौन उत्पीड़न की शिकायतें दबा दी जाती हैं
आरोपी को राजनीतिक संरक्षण मिलता है
कॉलेज प्रशासन लापरवाह बना रहता है
अब सवाल यह है: क्या अगली पीड़िता भी मीडिया से ही इंसाफ की उम्मीद करेगी?
यह केस एक बार फिर हमें यह सोचने पर मजबूर करता है कि हमारे शैक्षणिक संस्थान कितना सुरक्षित हैं? क्या राजनीतिक जुड़ाव, आरोपी के अपराधों पर पर्दा डालने का लाइसेंस है?