🧭 Table of Contents:
Janaki vs State of Kerala फिल्म की कहानी क्या है?
विवाद की शुरुआत कहां से हुई?
सेंसर बोर्ड के कट और कोर्ट का फैसला
नया नाम और रिलीज डेट
जनता और एक्सपर्ट्स की राय
गॉसिप, अफवाहें और कुछ चटपटी बातें
निष्कर्ष: क्या बदलेगा इस फिल्म से सिस्टम?
🎥 Janaki vs State of Kerala फिल्म की कहानी क्या है?
Janaki vs State of Kerala एक मल्यालम कोर्टरूम ड्रामा है जिसे प्रवीण नारायणन ने लिखा और निर्देशित किया है। फिल्म की मुख्य भूमिका में हैं सुरेश गोपी, जो अब यूनियन मिनिस्टर भी हैं, और अभिनेत्री अनुपमा परमेश्वरन। कहानी एक महिला की है जो यौन शोषण के बाद न्याय के लिए लड़ती है – एक ऐसा विषय जो समाज में अभी भी संवेदनशील और विवादास्पद बना हुआ है।
🧨 विवाद की शुरुआत कहां से हुई?
🔥 विवाद का मूल कारण:
फिल्म का पहला नाम था “Janaki vs State of Kerala”। सेंसर बोर्ड (CBFC) को आपत्ति थी कि “जानकी” नाम मां सीता से जुड़ा हुआ है। एक रेप सर्वाइवर के किरदार को ‘जानकी’ कहे जाने से धार्मिक भावनाएं आहत हो सकती हैं – यही बोर्ड की दलील थी।
📍 टाइमलाइन:
तारीख | घटना |
---|---|
12 जून | CBFC को फिल्म सर्टिफिकेशन के लिए भेजी गई |
27 जून | रिलीज डेट टालनी पड़ी |
5 जुलाई | केरल हाईकोर्ट में सुनवाई शुरू |
9 जुलाई | CBFC ने नाम और डायलॉग म्यूट करने की शर्त रखी |
11 जुलाई | सर्टिफिकेट मिला – सिर्फ 2 बदलावों के साथ |
17 जुलाई | नई रिलीज डेट तय |

⚖️ सेंसर बोर्ड के कट और कोर्ट का फैसला
पहले मांग:
CBFC ने फिल्म में 92 बदलाव सुझाए थे, जिनमें कट, डायलॉग हटाना और नाम बदलना शामिल था।
बाद में कोर्ट में यू-टर्न:
जब केस केरल हाईकोर्ट पहुंचा, CBFC ने अपनी मांग घटाकर केवल 2 बदलाव कर दी:
फिल्म का नाम “Janaki V vs State of Kerala” करना
एक कोर्टरूम सीन में ‘Janaki’ नाम को म्यूट करना
जस्टिस एन नागरेश ने कहा:
“एक रेप सर्वाइवर का नाम जानकी होना कोई अपराध नहीं। CBFC अपनी हदें पार कर रहा है।”
कोर्ट का आदेश:
फिल्म को नया नाम देने के बाद उसके पहले वाले पोस्टर या टीज़र से निर्माता को कोई कानूनी दिक्कत नहीं होगी।
⚖️ सेंसर बोर्ड के कट और कोर्ट का फैसला
पहले मांग:
CBFC ने फिल्म में 92 बदलाव सुझाए थे, जिनमें कट, डायलॉग हटाना और नाम बदलना शामिल था।
बाद में कोर्ट में यू-टर्न:
जब केस केरल हाईकोर्ट पहुंचा, CBFC ने अपनी मांग घटाकर केवल 2 बदलाव कर दी:
फिल्म का नाम “Janaki V vs State of Kerala” करना
एक कोर्टरूम सीन में ‘Janaki’ नाम को म्यूट करना
जस्टिस एन नागरेश ने कहा:
“एक रेप सर्वाइवर का नाम जानकी होना कोई अपराध नहीं। CBFC अपनी हदें पार कर रहा है।”
कोर्ट का आदेश:
फिल्म को नया नाम देने के बाद उसके पहले वाले पोस्टर या टीज़र से निर्माता को कोई कानूनी दिक्कत नहीं होगी।
📢 जनता और एक्सपर्ट्स की राय
🙋♀️ जनता क्या कह रही है?
रेणुका देवी (थिएटर टीचर): “सीता नाम से जुड़ी भावनाएं हमारी संस्कृति का हिस्सा हैं, लेकिन इसका मतलब ये नहीं कि हर जानकी सीता ही है।”
राहुल मेहता (फिल्म स्टूडेंट): “CBFC हर फिल्म में भगवानों का angle घुसा देता है – ये फ्रीडम ऑफ एक्सप्रेशन का गला घोंटना है।”
🎓 एक्सपर्ट्स की राय
फिल्म समीक्षक, मयंक शेखर कहते हैं:
“Janaki V vs State of Kerala एक ज़रूरी फिल्म है। CBFC का बर्ताव ये दिखाता है कि कैसे कंटेंट की आज़ादी अभी भी दबाई जा रही है।”Advocate Abhinav Chandrachud (CBFC के वकील):
“हमारी आपत्ति सांस्कृतिक भावनाओं की रक्षा के लिए थी, लेकिन हमने लचीला रुख अपनाया।”
🔥 गॉसिप, अफवाहें और कुछ चटपटी बातें
🎬 फिल्म के ट्रेलर में एक कोर्टरूम सीन में अनुपमा का दमदार डायलॉग था, जिसे अब म्यूट किया गया है!
🗣️ एक वायरल अफवाह थी कि फिल्म को बैन कर दिया गया है, जिसे निर्माताओं ने झूठा बताया।
😲 Mumbai CBFC ने सख्ती दिखाई जबकि Kerala CBFC ने बिना किसी बदलाव के फिल्म को पहले पास कर दिया था – ये सेंसरशिप के दोहरे मापदंड हैं।

🧾 क्या बदलेगा इस फिल्म से सिस्टम?
Janaki V vs State of Kerala सिर्फ एक फिल्म नहीं, एक बहस का मुद्दा बन गई है – क्या एक महिला किरदार का नाम किसी देवी से मिल जाए तो वो नाम उपयोग नहीं किया जा सकता? क्या कला की आज़ादी धर्म के नाम पर सीमित कर दी जाएगी?
CBFC का यू-टर्न, कोर्ट की फटकार और जनता की प्रतिक्रिया इस बात का संकेत है कि अब दर्शक भी समझते हैं कि फिल्में सिर्फ एंटरटेनमेंट नहीं, समाज की सच्चाई भी होती हैं।
🗣️ आपकी राय क्या है?
क्या आपको लगता है कि सेंसर बोर्ड को इतनी सख्ती दिखानी चाहिए थी?
👇 कमेंट करें, शेयर करें और अपने दोस्तों से भी पूछें – क्या नाम से इतना फर्क पड़ता है?
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