Table of Contents
हादसे की भयानक शुरुआत
हरप्रीत कौर की अधूरी उड़ान
अर्चुन पटोलिया की दर्दनाक विदाई
टेक्निकल फेलियर या लापरवाही?
परिवारों पर टूटा दुख का पहाड़
आखिरी मैसेज और अधूरी मुलाकातें
Air India और Tata का बयान
लोगों की भावनात्मक प्रतिक्रियाएं
एक्सपर्ट्स की राय
अब सवाल उठते हैं…
हादसे की भयानक शुरुआत
12 जून को अहमदाबाद एयरपोर्ट से उड़ान भरते ही Air India 171 का ड्रीमलाइनर क्रैश हो गया। महज़ 32 सेकंड में विमान 672 फीट की ऊंचाई तक पहुंचने के बाद संतुलन खो बैठा और BJ मेडिकल कॉलेज परिसर की इमारत से टकरा गया। इस हादसे में 242 में से 241 लोगों की मौत हो गई – सिर्फ एक व्यक्ति जीवित बचा।
हरप्रीत कौर की अधूरी उड़ान
30 साल की हरप्रीत कौर होरा बेंगलुरु की एक IT कंपनी में काम करती थीं। वो पहले 19 जून को लंदन के लिए उड़ान भरने वाली थीं, लेकिन पति रॉबी के जन्मदिन (16 जून) पर सरप्राइज़ देने की प्लानिंग से उन्होंने टिकट 12 जून के लिए बदल दी। वो सीट नंबर 22E पर बैठी थीं… लेकिन वहां से कभी वापस नहीं लौटीं।
विवरण | जानकारी |
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नाम | हरप्रीत कौर होरा |
उम्र | 30 साल |
लोकेशन | बेंगलुरु (भारत) से लंदन |
कारण | पति के जन्मदिन पर सरप्राइज |
अंतिम संदेश | “Happy Journey Harpreet beta” (Whatsapp पर) |
उनके पति रॉबी लंदन में एक सॉफ्टवेयर इंजीनियर हैं। दोनों चार सालों से लम्बी दूरी के रिश्ते में थे, लेकिन एक-दूसरे के लिए वक़्त निकालते रहते थे।

अर्चुन पटोलिया की दर्दनाक विदाई
लंदन निवासी अर्चुन पटोलिया हाल ही में अपनी पत्नी भारती की अस्थियाँ विसर्जित करने भारत आए थे। दो बेटियों (4 और 8 साल) के पिता अर्चुन ने पत्नी की आखिरी इच्छा पूरी की, लेकिन जब वो लंदन लौट रहे थे, तब यही विमान हादसे का शिकार हो गया।
एक महीने के भीतर दोनों बच्चियों ने अपने माता-पिता को खो दिया।
विवरण | जानकारी |
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नाम | अर्चुन पटोलिया |
पत्नी का निधन | कुछ दिन पहले |
उद्देश्य | पत्नी की अस्थियों का विसर्जन |
बच्चे | 2 बेटियाँ (4 और 8 साल) |
अंतिम यात्रा | Air India 171 |
टेक्निकल फेलियर या लापरवाही?
अब सवाल ये उठता है – क्या ये हादसा तकनीकी खराबी से हुआ या एयर ट्रैफिक कंट्रोल और पायलटों की लापरवाही से? शुरुआती जांच में पता चला है कि प्लेन ऊंचाई नहीं ले पा रहा था और इंजन में ‘थ्रस्ट’ की कमी थी।
परिवारों पर टूटा दुख का पहाड़
हरप्रीत के चाचा राजेंद्र सिंह होरा ने कहा, “पूरा परिवार टूट गया है। जिस बेटी को सुबह शुभकामनाएं दी थीं, वो शाम को लौटकर नहीं आई।”
वहीं, अर्चुन की मां जो सूरत में अकेली रहती हैं, सदमे में हैं। पड़ोसी बताते हैं कि बच्चियों को सच्चाई अभी तक नहीं बताई गई है।
आखिरी मैसेज और अधूरी मुलाकातें
हरप्रीत की आखिरी व्हाट्सएप मैसेज – “Happy Journey Harpreet beta” – अब परिवार के लिए सबसे कीमती याद बन गई है।
रॉबी और हरप्रीत की योजना थी कि 2025 में वह स्थाई रूप से लंदन शिफ्ट हो जाएं।
Air India और Tata का बयान
Tata Sons के चेयरमैन एन चंद्रशेखरन ने कहा:
“ये टाटा ग्रुप के इतिहास का सबसे काला दिन है। 241 लोगों की मौत का शोक शब्दों से बयां नहीं किया जा सकता। हम पीड़ित परिवारों के साथ हैं।”
लोगों की भावनात्मक प्रतिक्रियाएं
सोशल मीडिया पर लोग कह रहे हैं:
“हरप्रीत की कहानी दिल तोड़ने वाली है।”
“छोटी बेटियों ने मां-पिता दोनों को खो दिया, भगवान उन्हें शक्ति दे।”
“Air India की जवाबदेही तय होनी चाहिए।”
एक्सपर्ट्स की राय
एविएशन एक्सपर्ट कैप्टन अनिल मेहरा के अनुसार:
“एक नए Dreamliner का इतने जल्दी क्रैश होना असामान्य है। फ्यूल मैनेजमेंट या इंजन रिलेटेड इश्यू हो सकता है।”
अब सवाल उठते हैं…
क्या टेक्निकल फेलियर पहले से रिपोर्ट हुआ था?
क्या क्रू ने समय पर SOS भेजा?
क्या DGCA (Directorate General of Civil Aviation) जिम्मेदारी तय करेगा?
Air India की यह त्रासदी सिर्फ एक विमान दुर्घटना नहीं, बल्कि सैकड़ों परिवारों की अधूरी कहानियों का अंत है। हरप्रीत और अर्चुन जैसे लोग सिर्फ आंकड़े नहीं, वो इंसानी जज़्बात हैं – जो इस हादसे में हमेशा के लिए खो गए।