🧭 विषय सूची
👉 परिचय: फिर से गरमाया नेपोटिज्म का मुद्दा
👨👩👦 Archana Puran Singh का स्टार किड्स पर बयान
🎬 अजय देवगन का बाहरी लोगों पर निशाना
🎤 एक्सपर्ट और सोशल मीडिया पर जनता की राय
📊 स्टार किड्स बनाम बाहरी कलाकार: आंकड़े और उदाहरण
🎞️ अजय की फिल्म ‘Son of Sardaar 2’ और चर्चा का संदर्भ
🧠 निष्कर्ष: क्या वाकई नेपोटिज्म सही है?
📣 आपकी राय ज़रूरी है!
👉 परिचय: फिर से गरमाया नेपोटिज्म का मुद्दा
बॉलीवुड में नेपोटिज्म यानी भाई-भतीजावाद का मुद्दा समय-समय पर सामने आता रहता है। लेकिन इस बार इसे हवा दी है खुद इंडस्ट्री की जानी-मानी हस्तियों Archana Puran Singh और Ajay Devgan ने। दोनों ने स्टार किड्स की “नैतिकता” और “वर्क एथिक्स” की खुलकर तारीफ़ की है, वहीं बाहरी कलाकारों को लेकर ‘गुमराह’ होने का आरोप लगाया है।
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👨👩👦 Archana Puran Singh का स्टार किड्स पर बयान
अपने यूट्यूब चैनल के व्लॉग में अर्चना ने अजय देवगन और मृणाल ठाकुर के साथ बातचीत के दौरान कहा:
“जब माता-पिता फिल्म इंडस्ट्री में होते हैं, तो वे बच्चों में शुरू से ही प्रोफेशनल एथिक्स डाल देते हैं। इसी वजह से इंडस्ट्री में फिल्मी परिवारों के बच्चों को प्राथमिकता मिलती है।”
अर्चना के इस बयान पर खास ध्यान इसलिए गया क्योंकि उनके खुद के बेटे आयुष्मान और आर्यमन भी अभिनय में कदम रखने की तैयारी कर रहे हैं।

🎬 Ajay Devgan का बाहरी लोगों पर निशाना
Ajay Devgan, जिनके पिता वीरू देवगन एक मशहूर स्टंट डायरेक्टर थे, ने कहा:
“मैंने जो भी सीखा, अपने पिता से सीखा… उनकी मेहनत, ईमानदारी और समर्पण से। यही चीजें स्टार किड्स में स्वाभाविक रूप से आ जाती हैं। लेकिन कई बार बाहरी लोग ये नहीं समझ पाते कि उन्हें एक्टर बनना है या स्टार। पहले अभिनय सीखना ज़रूरी है, स्टारडम बाद में आता है।”
उनके अनुसार, बहुत से बाहरी लोग इंडस्ट्री की असलियत से अनजान होते हैं और गलतफहमी में आ जाते हैं।
🎤 एक्सपर्ट और सोशल मीडिया पर जनता की राय
🗣️ जनता क्या कह रही है?
प्लेटफॉर्म | प्रतिक्रिया |
---|---|
ट्विटर | “अजय देवगन खुद नेपोटिज्म से आगे बढ़े, अब बाहर वालों को ज्ञान दे रहे हैं?” |
इंस्टाग्राम | “अर्चना पूरन सिंह की बात में लॉजिक है, लेकिन यह भी सच है कि टैलेंट हर जगह होता है।” |
यूट्यूब कमेंट्स | “बाहर वालों को चांस नहीं मिलेगा तो वे सीखें कहाँ से?” |
🧠 फिल्म समीक्षक राजीव मसंद का कहना है:
“इस बहस में दोनों पक्षों की बातें सही हैं, लेकिन इंडस्ट्री को एक ऐसा प्लेटफॉर्म चाहिए जो टैलेंट को प्राथमिकता दे, कनेक्शन को नहीं।”
📊 स्टार किड्स बनाम बाहरी कलाकार: आंकड़े और उदाहरण
अभिनेता | बैकग्राउंड | पहली फिल्म | हिट/फ्लॉप |
---|---|---|---|
जान्हवी कपूर | स्टार किड | Dhadak | हिट |
अली फज़ल | बाहरी | Fukrey | हिट |
सुशांत सिंह राजपूत | बाहरी | Kai Po Che | हिट |
खुशी कपूर | स्टार किड | The Archies | फ्लॉप |
विक्की कौशल | बाहरी | Masaan | क्रिटिकल हिट |
इस साल अहान पांडे (सैयारा) और इब्राहिम अली खान, खुशी कपूर, जुनैद खान जैसे कई स्टार किड्स डेब्यू कर चुके हैं। लेकिन इनमें से सिर्फ अहान की सैयारा ने ही बड़ी कमाई की है — ₹150 करोड़ से ज़्यादा।

🎞️ अजय की फिल्म ‘Son of Sardaar 2’ और चर्चा का संदर्भ
Archana Puran Singh का व्लॉग प्रमोशन के दौरान शूट किया गया था, जब अजय और मृणाल अपनी आगामी कॉमेडी फिल्म Son of Sardaar 2 का प्रमोशन कर रहे थे। फिल्म 1 अगस्त 2025 को रिलीज़ हो रही है, लेकिन प्रमोशन से ज्यादा सुर्खियाँ बटोरी इस नेपोटिज्म बहस ने।
🧠 निष्कर्ष: क्या वाकई नेपोटिज्म सही है?
भले ही Ajay Devgan और Archana Puran Singh की बातें उनके अनुभव पर आधारित हों, लेकिन सच्चाई यह भी है कि बॉलीवुड को नई सोच और नए चेहरों की ज़रूरत है। बाहरी लोग भी जब अवसर पाते हैं तो वे भी अभिनय में झंडे गाड़ देते हैं — सुशांत सिंह राजपूत, आयुष्मान खुराना, राजकुमार राव इसके उदाहरण हैं।
“स्टार बनना कोई गारंटी नहीं, टैलेंट और मेहनत ही असली पहचान है।”
📣 आपकी राय ज़रूरी है!
क्या आप Ajay Devgan और Archana Puran Singh की बातों से सहमत हैं? क्या फिल्म इंडस्ट्री में नेपोटिज्म ज़रूरी है या टैलेंट की कद्र होनी चाहिए?
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