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Debut से रातों-रात स्टार बनी ये Actress, छोड़ दिया Bollywood और बन गई Astrologer!

Bollywood में कई सितारे ऐसे हुए हैं जिन्होंने पहली ही फिल्म से दर्शकों के दिल जीत लिए। लेकिन कुछ ने ग्लैमर और शोहरत की दुनिया को पीछे छोड़कर बिल्कुल अलग रास्ता चुना। ऐसी ही एक एक्ट्रेस हैं ट्यूलिप जोशी (Tulip Joshi), जिनकी पर्सनल और प्रोफेशनल जर्नी दोनों ही किसी फिल्मी कहानी से कम नहीं।

बचपन और मल्टीकल्चरल पृष्ठभूमि

Tulip Joshi का जन्म 11 सितंबर 1980 को मुंबई में हुआ। उनके पिता गुजराती हिंदू थे, जबकि मां आर्मेनियन-लेबनानी क्रिश्चियन। यानी बचपन से ही उन्होंने दो अलग-अलग संस्कृतियों का अनुभव किया। यही वजह है कि उनकी पर्सनैलिटी और सोच हमेशा थोड़ी अलग और यूनिक रही।

Tulip Joshi की खूबसूरती के चर्चे बचपन से ही होने लगे थे। उनकी मासूमियत और चमकती मुस्कान ने उन्हें भीड़ से अलग बना दिया।

पढ़ाई से मॉडलिंग तक का सफर

Tulip Joshi ने अपनी शुरुआती पढ़ाई जामनाबाई नरसी स्कूल, मुंबई से की। इसके बाद उन्होंने फूड साइंस और केमिस्ट्री में ग्रैजुएशन किया। पढ़ाई के दौरान ही उनका झुकाव मॉडलिंग की तरफ होने लगा।

कॉलज के दिनों में उन्होंने कई ऐड्स में काम करना शुरू कर दिया। साल 2000 में उन्होंने फेमिना मिस इंडिया कॉन्टेस्ट में हिस्सा लिया। भले ही वह फाइनल तक नहीं पहुंचीं, लेकिन उनकी खूबसूरती और कॉन्फिडेंस ने मॉडलिंग इंडस्ट्री में उन्हें पहचान दिला दी।

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शादी में मिला बॉलीवुड का टिकट

कहते हैं मौके कभी भी और कहीं से भी मिल सकते हैं। Tulip Joshi के साथ भी ऐसा ही हुआ। फिल्ममेकर आदित्य चोपड़ा की शादी में वह अपने एक फ्रेंड के साथ गई थीं। वहीं उनकी खूबसूरती और चार्म ने आदित्य चोपड़ा का ध्यान खींचा।

थोड़े ही समय बाद Tulip Joshi को यशराज फिल्म्स की मूवी ‘मेरे यार की शादी है’ (2002) के लिए ऑडिशन का ऑफर मिला। उन्होंने ये मौका लपक लिया और किस्मत भी साथ ले आई।

फिल्म रिलीज होते ही Tulip Joshi रातों-रात स्टार बन गईं। उदय चोपड़ा और जिमी शेरगिल के साथ उनकी मासूम और फ्रेश एक्टिंग दर्शकों को बेहद पसंद आई। फिल्म के गाने भी सुपरहिट हुए और Tulip Joshi का करियर शुरू से ही चमक उठा।

नाम बदलने की सलाह और हिंदी सीखने की मेहनत

Bollywood में एंट्री के समय Tulip Joshi को सलाह दी गई थी कि उनका नाम विदेशी लगता है, इसलिए उन्हें अपना नाम बदल लेना चाहिए। कुछ समय के लिए उन्होंने अपना नाम ‘अंजलि’ रखा, लेकिन इस बदलाव से ज्यादा फर्क नहीं पड़ा।

इसके अलावा, उन्हें शुरू में हिंदी बोलने में दिक्कत आती थी। लेकिन मेहनत के दम पर उन्होंने भाषा सीखी और एक्टिंग में अपनी पकड़ मजबूत की।

फिल्मों का सफर

डेब्यू के बाद Tulip Joshi ने कई फिल्मों में काम किया। इनमें दिल मांगे मोर, धोखा, सुपरस्टार, बच्चन, जट्ट एयरवेज़, जय हो जैसी फिल्में शामिल हैं।

सिर्फ हिंदी ही नहीं, उन्होंने पंजाबी, कन्नड़, मलयालम और तेलुगु फिल्मों में भी काम किया। इस तरह उन्होंने अपनी वर्सटिलिटी साबित की।

‘मातृभूमि’ से पहचान

Tulip Joshi  की सबसे चर्चित फिल्म रही ‘मातृभूमि’। इस फिल्म ने उन्हें अलग ही पहचान दिलाई।

फिल्म की कहानी बेहद गंभीर मुद्दे पर आधारित थी—महिला भ्रूण हत्या और घटती महिला जनसंख्या। इसमें दिखाया गया कि कैसे एक गांव में औरतों की संख्या न के बराबर हो जाती है और पुरुषों की हताशा हिंसा और क्रूरता में बदल जाती है।

Tulip Joshi ने इसमें ‘कल्कि’ का रोल निभाया। वह एक अमीर आदमी रामचरण द्वारा खरीदी जाती है और उसके पांचों बेटों और खुद रामचरण द्वारा शारीरिक शोषण झेलती है।

फिल्म में बलात्कार, घरेलू हिंसा और औरतों को वस्तु समझने जैसे मुद्दों को बड़ी ही कड़वी लेकिन सच्ची तरह से दिखाया गया। इस रोल ने Tulip Joshi को जबरदस्त क्रिटिकल अप्रीसिएशन दिलाई।

पर्सनल लाइफ और प्यार की कहानी

फिल्मी दुनिया में काम करते हुए Tulip Joshi की मुलाकात हुई कैप्टन विनोद नायर से। वह इंडियन आर्मी में ऑफिसर रह चुके थे और 1995 तक ड्यूटी करने के बाद बिजनेस वर्ल्ड में कदम रखा।

दोनों की दोस्ती धीरे-धीरे प्यार में बदल गई। करीब 4 साल तक लिव-इन में रहने के बाद दोनों ने शादी कर ली।

फिल्मों से दूरी और नया रास्ता

शादी के बाद Tulip Joshi  ने फिल्मों से दूरी बना ली। उन्होंने अपने पति के बिजनेस ‘किमाया’ (Kimaya) से जुड़कर बतौर डायरेक्टर काम करना शुरू किया। यह एक मैनेजमेंट और ट्रेनिंग कंसल्टेंसी कंपनी है।

यही नहीं, Tulip Joshi  ने अपने पुराने शौक को भी नया रूप दिया। उन्हें ज्योतिष (Astrology) में खास रुचि थी, और उन्होंने इसे सीरियसली अपनाया।

ग्लैमर से ज्योतिष तक का सफर

आज Tulip Joshi फिल्मों से भले ही दूर हों, लेकिन उनकी पहचान सिर्फ एक्ट्रेस तक सीमित नहीं है। वह अब एक सफल बिजनेसवुमन और ज्योतिषी हैं।

उनकी कहानी ये साबित करती है कि जिंदगी में सिर्फ शोहरत ही सबकुछ नहीं होती। कभी-कभी दिल की सुनकर नया रास्ता चुनना ही असली सफलता होती है।

👉 तो यह थी Tulip Joshi की अनोखी कहानी—Bollywood Star से ज्योतिषी तक का सफर

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