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भारत में फिर बढ़े COVID-19 केस: एक्टिव केस 3,300 के पार, इन 8 राज्यों में हालात गंभीर

संक्रमण की स्थिति (31 मई 2025 तक)

भारत में एक बार फिर COVID-19 वायरस संक्रमण के मामले तेज़ी से बढ़ते नज़र आ रहे हैं। स्वास्थ्य मंत्रालय के ताज़ा आंकड़ों के अनुसार, देश में कुल सक्रिय COVID-19 केस 3,300 के पार पहुंच गए हैं। बीते 24 घंटे में 511 नए मामले सामने आए हैं, और 4 मौतें दर्ज की गई हैं। वहीं, 1 जनवरी 2025 से अब तक कुल 26 मौतें कोरोना के कारण हो चुकी हैं।

सबसे ज़्यादा प्रभावित राज्य

नवीनतम सरकारी आंकड़ों के मुताबिक, इन 8 राज्यों में 100 से अधिक सक्रिय केस दर्ज हुए हैं:

  1. केरल – 1,147 केस

  2. महाराष्ट्र – 424 केस

  3. दिल्ली – 294 केस

  4. गुजरात – 223 केस

  5. पश्चिम बंगाल – 205 केस 

  6. तमिलनाडु – 185 केस 

  7. कर्नाटक – 234 केस 

  8. उत्तर प्रदेश – 117 केस 

इनमें से केरल सबसे ज्यादा प्रभावित राज्य है, जहां संक्रमण का ग्राफ लगातार ऊपर जा रहा है।

COVID 19

कौन सा वैरिएंट फैल रहा है?

INSACOG की रिपोर्ट के अनुसार, JN.1 वैरिएंट सबसे ज़्यादा सक्रिय (53%) है, इसके बाद BA.2 (26%) और अन्य ओमिक्रॉन सबलाइनिज (20%) हैं।
इसके साथ ही NB.1.8.1 और LF.7 जैसे नए वैरिएंट के केस भी सामने आए हैं, जिन्हें WHO ने “Variants Under Monitoring” (VUM) की श्रेणी में रखा है।

स्वास्थ्य मंत्रालय की तैयारी

केंद्रीय स्वास्थ्य राज्य मंत्री प्रतापराव जाधव ने  कहा:

“हमारी केंद्रीय स्वास्थ्य और आयुष मंत्रालय की टीमें पूरी तरह अलर्ट हैं। सभी राज्यों के स्वास्थ्य सचिवों और मंत्रियों से संपर्क किया गया है। किसी भी आपात स्थिति से निपटने की पूरी तैयारी है।”

रिकवरी में सुधार

31 मई को कुल 255 मरीज़ स्वस्थ हुए, जिससे राहत की कुछ उम्मीद बनी है। हालांकि एक्टिव केस का बढ़ता आंकड़ा चिंता का विषय बना हुआ है।

कर्नाटक सरकार का स्कूलों को अलर्ट

कर्नाटक सरकार ने स्कूलों के लिए विशेष एडवाइजरी जारी की है —

बुखार, सर्दी-खांसी या कोविड जैसे लक्षण दिखने पर बच्चों को स्कूल न भेजें।
यह एडवाइजरी स्कूलों के दोबारा खुलने के समय को ध्यान में रखते हुए दी गई है।

जनता की प्रतिक्रिया

सोशल मीडिया पर लोगों की राय दो भागों में बंटी हुई है:

  • कुछ लोगों का मानना है कि फिर से मास्क और सोशल डिस्टेंसिंग लागू की जानी चाहिए।

  • वहीं, कई यूज़र्स का कहना है कि जब तक मौतों की संख्या और अस्पतालों पर दबाव नहीं बढ़ता, तब तक घबराने की ज़रूरत नहीं है।

विशेषज्ञों की चेतावनी

स्वास्थ्य विशेषज्ञों ने चेतावनी दी है कि भले ही यह लहर अभी छोटी लगे, लेकिन अगर वैरिएंट्स में और म्यूटेशन हुआ तो स्थिति बिगड़ सकती है।

“फेस्टिव सीज़न और मौसम परिवर्तन के चलते वायरस फैलने की संभावना अधिक होती है,” एक विशेषज्ञ ने बताया।

संक्रमण की तेज़ी को रोकने के लिए हम सभी को मिलकर कुछ सावधानियां और ज़िम्मेदार कदम उठाने होंगे।

मास्क का सही उपयोग करें

  • सार्वजनिक स्थानों पर N-95 या 3-लेयर मास्क पहनें।

  • नाक और मुँह को अच्छी तरह ढकना ज़रूरी है।

  • गीला या बार-बार छुआ गया मास्क तुरंत बदलें।

नियमित रूप से हाथ धोएं या सैनिटाइज़ करें

  • कम से कम 20 सेकंड तक साबुन से हाथ धोएं।

  • यदि पानी न हो तो 60% से अधिक अल्कोहल वाला सैनिटाइज़र उपयोग करें।

सामाजिक दूरी बनाए रखें (Social Distancing)

  • भीड़भाड़ वाली जगहों से बचें।

  • दूसरों से कम से कम 6 फीट की दूरी बनाकर रखें।

लक्षण दिखें तो तुरंत जाँच कराएं

  • बुखार, सर्दी, खांसी, स्वाद या गंध न आना जैसे लक्षण हों तो RT-PCR टेस्ट करवाएं।

  • जाँच रिपोर्ट आने तक स्वयं को आइसोलेट रखें।

बीमार होने पर घर पर ही रहें

  • ऑफिस, स्कूल या सार्वजनिक कार्यक्रमों में जाने से बचें।

  • दूसरों को संक्रमित होने से रोकने के लिए स्वास्थ्य पूरी तरह ठीक होने तक आराम करें।

वैक्सीनेशन और बूस्टर डोज़ ज़रूर लें

  • जिन लोगों ने अभी तक बूस्टर डोज़ नहीं ली है, उन्हें तुरंत लगवाने की सलाह दी जाती है।

  • बुजुर्ग और कमजोर प्रतिरक्षा प्रणाली वाले लोगों के लिए यह खास ज़रूरी है।

आधिकारिक सूचना पर भरोसा करें, अफवाहों से बचें

  • केवल स्वास्थ्य मंत्रालय या WHO जैसी विश्वसनीय संस्थाओं की जानकारी को सही मानें।

  • सोशल मीडिया पर फैलाई जा रही अफवाहों से बचें।

संक्रमण को रोकना हमारी सामूहिक ज़िम्मेदारी है। जितना सतर्क और सजग हम आज रहेंगे, उतना सुरक्षित कल होगा।

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