📌 विषय सूची (Table of Contents):
International Yoga Day 2025 : PM मोदी का वाइज़ैग से संदेश: योग सबके लिए है
सेना का शाही योग: सियाचिन से शाही कांगड़ी तक
जनता की राय: सोशल मीडिया पर कैसी रही प्रतिक्रिया
PM मोदी का योग इतिहास: 2015 से 2025 तक
एक्सपर्ट की बात: योग क्यों बना ग्लोबल मूवमेंट
थोड़ी गॉसिप भी: विपक्ष की चुप्पी या रणनीति?
निष्कर्ष: योग भारत से वैश्विक नीति तक
International Yoga Day 2025: PM मोदी का वाइज़ैग से संदेश: योग सबके लिए है 21 जून 2025 को International Yoga Day की 11वीं वर्षगांठ पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आंध्र प्रदेश के विशाखापत्तनम (वाइज़ैग) से योग का नेतृत्व करते हुए कहा –
“योग सीमाओं, पृष्ठभूमि, उम्र या क्षमता से परे है। यह हर इंसान के लिए है। योग दुनिया का पॉज़ बटन है।”
26 किलोमीटर लंबे रामकृष्ण बीच से भोगापुरम तक का यह आयोजन 3 लाख लोगों की उपस्थिति के साथ अब तक के सबसे बड़े योग इवेंट्स में से एक बन गया।
थीम थी: “Yoga for One Earth, One Health” — यानि “एक पृथ्वी, एक स्वास्थ्य”।
सेना का शाही योग: सियाचिन से शाही कांगड़ी तक
इस बार की सबसे बड़ी चर्चा रही भारतीय सेना का योगदान। हिमालय की ऊँचाइयों से लेकर सबसे मुश्किल इलाकों तक, भारतीय जवानों ने कड़ाके की ठंड और ऑक्सीजन की कमी में भी योग करके पूरी दुनिया को संदेश दिया:
स्थान | ऊंचाई (फीट में) | विशेषताएँ |
---|---|---|
शाही कांगड़ी झील | 20,000 फीट | बर्फ के बीच योग, मानसिक संतुलन और फोकस का संदेश |
गालवान वैली | 15,000 फीट | एकता और सहनशक्ति का प्रतीक |
सियाचिन ग्लेशियर | दुनिया का सबसे ऊँचा युद्धक्षेत्र | बेस से फॉरवर्ड पोस्ट तक योग |
पैंगोंग झील व गांव | पूर्वी लद्दाख | ‘वन अर्थ, वन हेल्थ’ का संदेश स्थानीयों के साथ |
Fire & Fury Corps ने X (पूर्व Twitter) पर पोस्ट किया –
“Where every breath is a challenge, yoga becomes a shield.”

जनता की राय: सोशल मीडिया पर कैसी रही प्रतिक्रिया
रीना ठाकुर (दिल्ली): “सेना के शहीदों को सलाम, जो योग को भी इतनी ऊँचाई पर ले जा रहे हैं!”
@YogaWithRavi (Instagram Yoga Coach): “PM मोदी ने योग को UN तक पहुंचा दिया, अब हर गली-मोहल्ला योगमय हो गया।”
एक्स (Twitter) पर #YogaDay2025 ट्रेंड कर रहा है, जिसमें कई मीम्स और राष्ट्रप्रेम से भरे पोस्ट वायरल हैं।
मोदी का योग इतिहास: 2015 से 2025 तक
वर्ष | स्थान | थीम |
---|---|---|
2015 | राजपथ, दिल्ली | Yoga for Harmony and Peace |
2016 | चंडीगढ़ | Yoga & Sustainable Goals |
2017 | लखनऊ | Yoga for Health |
2018 | देहरादून | Yoga for Peace |
2019 | रांची | Yoga for Heart |
2020 | वर्चुअल (कोरोना काल) | Yoga at Home |
2021 | घरों से योग | Yoga for Wellness |
2022 | मैसूर | Yoga for Humanity |
2023 | न्यूयॉर्क (UN HQ) | Vasudhaiva Kutumbakam |
2024 | श्रीनगर | Record-Breaking Participation |
2025 | विशाखापत्तनम | Yoga for One Earth, One Health |
एक्सपर्ट की बात: योग क्यों बना ग्लोबल मूवमेंट
डॉ. वंदना मिश्रा (योगा थेरेपिस्ट, एम्स):
“योग अब सिर्फ फिजिकल फिटनेस नहीं, ग्लोबल पीस और पॉलिसी का हिस्सा बन चुका है। यह मानसिक तनाव और जीवनशैली की बीमारियों से लड़ने का सबसे सस्ता और असरदार इलाज है।”
थोड़ी गॉसिप भी: विपक्ष की चुप्पी या रणनीति?
इस बार कुछ विपक्षी नेताओं ने इस आयोजन पर चुप्पी साध रखी है। सोशल मीडिया पर चर्चा है कि क्या यह PM मोदी का ग्लोबल अपील बढ़ने से ईर्ष्या है या कोई चुपचाप रणनीति?
कांग्रेस प्रवक्ता की टिप्पणी:
“हम योग का सम्मान करते हैं, लेकिन इसमें राजनीति नहीं होनी चाहिए।”
लोगों ने इस बयान पर खूब मज़ाक उड़ाया और कहा, “जब वोट मिलें योग से, तब राजनीति क्यों नहीं?”

योग भारत से वैश्विक नीति तक
PM मोदी ने जिस योग को 2014 में UN तक पहुँचाया, वह अब सिर्फ एक स्वास्थ्य अभ्यास नहीं बल्कि मानवता की नीति बन चुका है।
योग एक भारतीय उपहार है, जो पूरी दुनिया को सुकून, संतुलन और शक्ति देता है।
👉 आपका क्या मानना है? क्या योग वास्तव में दुनिया के लिए “पॉज़ बटन” बन सकता है? नीचे कमेंट करें और शेयर करें इस गर्वभरे योग दिवस की कहानी!