“Kankhajura Review: रोशन मैथ्यू की दमदार एक्टिंग और मोहित रैना का थ्रिल, ऑरिजिनल ‘Magpie’ को भी दे गया टक्कर”

‘Kankhajura’ एक डार्क क्राइम थ्रिलर है जो अंधेरे में छिपे सच की परतें खोलता है। इसकी कहानी एक ऐसे केस के इर्द-गिर्द घूमती है जो दिखता कुछ और है, और असलियत में होता कुछ और। रहस्य, डर, और विश्वासघात की ये दुनिया दर्शकों को अपने भीतर खींचने की पूरी कोशिश करती है, लेकिन कुछ जगहों पर कहानी खिंचती नजर आती है।

रोशन मैथ्यू का जादू:

इस सीरीज का असली हीरो कोई है, तो वो हैं रोशन मैथ्यू। उन्होंने जिस संवेदनशीलता, गहराई और मजबूती के साथ अपने किरदार को जिया है, वह देखने लायक है। उनकी परफॉर्मेंस न केवल आंखों में बस जाती है, बल्कि दिल को भी छू जाती है। वह हर फ्रेम में दमदार हैं, और उनके भावों से ही कहानी का तनाव बढ़ता है।

Kankhajura

मोहित रैना का शांत लेकिन असरदार प्रदर्शन:

मोहित रैना को रोशन का कॉन्ट्रास्ट कह सकते हैं – शांत, सधे हुए लेकिन असरदार। उनकी मौजूदगी कहानी को एक गंभीरता देती है। जहां रोशन का किरदार तेज, अस्थिर और भावनात्मक है, वहीं मोहित का किरदार स्थिर और नियंत्रित है – दोनों के बीच का यह संतुलन शो को मजबूती देता है।

‘Magpie’ से तुलना: क्या Kankhajura टक्कर दे पाई?

इस शो की तुलना नेटफ्लिक्स की लोकप्रिय ऑस्ट्रेलियन थ्रिलर ‘Magpie’ से की जा रही है, जिस पर यह आधारित है। ‘Magpie’ की सादगी और तनावपूर्ण गति जहां दर्शकों को बांधकर रखती है, वहीं ‘Kankhajura’ कभी-कभी उस टेंशन को बनाए रखने में चूक जाती है।

‘Magpie’ में जहां इमोशनल कॉन्फ्लिक्ट और थ्रिल एक दमदार बैलेंस में था, वहीं ‘Kankhajura’ कुछ जगहों पर भावनाओं को ओवरड्रामैटिक कर देता है। फिर भी, रोशन मैथ्यू और मोहित रैना की केमिस्ट्री ने इस कमी को काफी हद तक भर दिया है।

Kankhajura

निर्देशक चंदन अरोड़ा की वापसी:

चंदन अरोड़ा लंबे समय बाद निर्देशन में लौटे हैं। उनकी फिल्ममेकिंग की दृष्टि अब भी क्लासिक है – शॉट्स का सिलेक्शन, विजुअल टोन, और कैरेक्टर बिल्डअप बेहतरीन है। लेकिन जहां बात स्क्रिप्ट और नैरेटिव टेंशन की आती है, वहां फिल्म थोड़ी ढीली पड़ती है।

इंडस्ट्री में चर्चा है कि अरोड़ा का टेम्पो अब उतना धारदार नहीं रहा, लेकिन उन्हें क्रेडिट देना चाहिए कि उन्होंने इस तरह की क्राइम स्टोरी को इंडियन फ्लेवर देने की कोशिश की, वो भी बिना ओवरसीन डार्कनेस के।

फैंस का रिएक्शन और सोशल मीडिया बज़:

शो के रिलीज होते ही सोशल मीडिया पर #Kankhajura ट्रेंड करने लगा। खासकर रोशन मैथ्यू के फैंस उन्हें “India’s own Andrew Garfield” कह रहे हैं – भावनाओं की विविधता और गहराई के लिए।

ट्विटर यूजर @CineSoul लिखते हैं:
Roshan Mathew in Kankhajura is a revelation. Someone cast him in everything already!

हालांकि कुछ दर्शकों ने शो की लंबाई और स्लो पेस को लेकर शिकायत की। नेटफ्लिक्स पर इस शो को “slow burn that sometimes fizzles” कहा गया है।

Kankhajura

गॉसिप और विवाद:

शो के प्रमोशन के दौरान एक हल्का विवाद सामने आया था, जब ट्रिनेत्रा हलदर ने इंटरव्यू में कहा कि उनके किरदार को एडिट में कम कर दिया गया है। इससे LGBTQ+ रिप्रेजेंटेशन को लेकर कुछ दर्शकों में नाराजगी देखी गई। हालांकि प्रोड्यूसर्स ने बाद में सफाई दी कि यह क्रिएटिव निर्णय था।

एक और दिलचस्प गॉसिप यह रही कि रोशन मैथ्यू और सारा जेन डायस की ऑन-स्क्रीन केमिस्ट्री ने ऑफ-स्क्रीन अफवाहों को जन्म दे दिया। हालांकि दोनों ने इस पर कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है।

रेटिंग:  (2.5/5)

क्या देखना चाहिए?:

  • रोशन मैथ्यू की दमदार परफॉर्मेंस

  • मोहित रैना का शांत लेकिन प्रभावशाली किरदार

  • अच्छा सिनेमैटिक ट्रीटमेंट

क्या छूट गया?:

  • प्रभावशाली लेखन

  • टाइट नैरेटिव

  • ओरिजिनल ‘Magpie’ जैसा तनाव

क्यों देखनी चाहिए 

  • त्रिनेत्रा हलदर, जो एक ट्रांस एक्टिविस्ट और एक्ट्रेस हैं, इस शो में एक अहम किरदार निभा रही हैं। उनका कास्ट किया जाना अपने आप में एक बड़ा स्टेप है, खासकर जब ट्रांस करैक्टर्स अक्सर साइडलाइन कर दिए जाते हैं या फिर स्टीरियोटाइप में दिखाए जाते हैं।

  • उनका किरदार संवेदनशील और layered है, जिसमें उनकी खुद की आइडेंटिटी का भी अहम रोल है। शुरुआत में शो उनकी उपस्थिति से एक पॉजिटिव टोन सेट करता है।

क्यों नहीं देखनी चाहिए 

  • प्रमोशन से पहले उम्मीद थी कि LGBTQ+ थ्रेड कहानी में एक बड़ी और सशक्त लाइन बनेगी, लेकिन जैसे-जैसे शो आगे बढ़ता है, त्रिनेत्रा का स्क्रीनटाइम सीमित होता चला जाता है।

  • खुद त्रिनेत्रा हलदर ने एक इंटरव्यू में कहा था कि उनके किरदार के कई हिस्से एडिटिंग में काट दिए गए, जिससे LGBTQ+ विषय पर चर्चा अधूरी सी लगती है।

  • शो में LGBTQ+ कैरेक्टर को मुख्य प्लॉट के किनारे रखना एक मिस्ड चांस माना जा सकता है, खासकर जब कई ओटीटी शोज़ इस दिशा में दमदार काम कर रहे हैं (जैसे Made in Heaven, Taali आदि)।

Kankhajura

Kankhajura LGBTQ+ रिप्रेजेंटेशन की दिशा में एक जरूरी लेकिन अधूरा कदम है। यह सराहनीय है कि एक ट्रांस एक्ट्रेस को एक्टिंग का मौका मिला और वो भी बिना क्लिच के। लेकिन जिस गहराई और स्पेस की ज़रूरत थी, वह नहीं मिल पाया।

अगर आपकी उम्मीद एक नैरेटिव-सेंटरड LGBTQ+ कहानी देखने की है, तो यह शो थोड़ी निराशा दे सकता है। लेकिन अगर आप इंडस्ट्री में पॉजिटिव बदलाव के संकेत ढूंढ रहे हैं, तो यह एक छोटी लेकिन अहम शुरुआत है

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