संसद का Monsoon session 21 जुलाई से 12 अगस्त तक: ऑपरेशन सिंदूर के बाद पहली बैठक, विपक्ष ने विशेष सत्र की मांग की

टेबल ऑफ कॉन्टेनट्स 

  1. Monsoon Session  की तिथियाँ और प्रमुख जानकारी

  2. ऑपरेशन सिंदूर: पृष्ठभूमि और प्रभाव

  3. विपक्ष की विशेष सत्र की मांग और सरकार की प्रतिक्रिया

  4. संभावित विधायी एजेंडा और चर्चाएँ

  5. राजनीतिक प्रतिक्रियाएँ और विवाद

  6. जनता की राय और सोशल मीडिया की प्रतिक्रियाएँ

  7. निष्कर्ष

Monsoon Session  की तिथियाँ और प्रमुख जानकारी

केंद्रीय संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू ने घोषणा की है कि संसद का Monsoon Session 21 जुलाई से 12 अगस्त 2025 तक चलेगा। यह सत्र लगभग तीन सप्ताह का होगा, जिसमें लोकसभा और राज्यसभा दोनों सदन 21 जुलाई को सुबह 11 बजे से बैठेंगे। यह सत्र बजट सत्र के बाद पहली बैठक होगी, जो 4 अप्रैल 2025 को समाप्त हुआ था।

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ऑपरेशन सिंदूर: पृष्ठभूमि और प्रभाव

यह Monsoon Session  ऑपरेशन सिंदूर के बाद पहला संसदीय सत्र होगा। 7 मई 2025 को भारत ने पाकिस्तान और पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (PoK) में स्थित आतंकवादी ठिकानों पर मिसाइल हमले किए थे। यह कार्रवाई 22 अप्रैल को पहलगाम में हुए आतंकी हमले, जिसमें 26 लोगों की मृत्यु हुई थी, के जवाब में की गई थी।

विपक्ष की विशेष सत्र की मांग और सरकार की प्रतिक्रिया

विपक्षी दलों ने ऑपरेशन सिंदूर पर विस्तृत चर्चा के लिए विशेष सत्र बुलाने की मांग की थी। कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर यह अनुरोध किया था। हालांकि, सरकार ने विशेष सत्र बुलाने के बजाय मानसून सत्र में ही इस मुद्दे पर चर्चा करने का निर्णय लिया।

संभावित विधायी एजेंडा और चर्चाएँ

इस सत्र में सरकार कई महत्वपूर्ण विधेयकों को पेश कर सकती है, जिनमें शामिल हैं:

  • राष्ट्रीय सुरक्षा से संबंधित विधेयक: ऑपरेशन सिंदूर के संदर्भ में सुरक्षा उपायों को सुदृढ़ करने के लिए नए कानून प्रस्तावित हो सकते हैं।

  • आर्थिक सुधार विधेयक: वित्तीय स्थिरता और विकास को बढ़ावा देने के लिए नए आर्थिक विधेयक पेश किए जा सकते हैं।

  • सामाजिक कल्याण योजनाएँ: जनहित में नई योजनाओं की घोषणा और उनके लिए बजट आवंटन पर चर्चा हो सकती है।

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राजनीतिक प्रतिक्रियाएँ और विवाद

विपक्षी नेताओं ने सरकार पर संसद से बचने का आरोप लगाया है। तृणमूल कांग्रेस के नेता डेरेक ओ’ब्रायन ने सरकार पर “पार्लियामेंटोफोबिया” का आरोप लगाते हुए कहा कि सरकार संसद का सामना करने से डरती है।

जनता की राय और सोशल मीडिया की प्रतिक्रियाएँ

सोशल मीडिया पर जनता ने विभिन्न प्रतिक्रियाएँ दी हैं:

  • @citizenvoice: “सरकार को ऑपरेशन सिंदूर पर पूरी जानकारी देनी चाहिए।”

  • @democracywatch: “विपक्ष की मांग जायज़ है, विशेष सत्र बुलाया जाना चाहिए था।”

  • @nationfirst: “राष्ट्रीय सुरक्षा के मुद्दे पर राजनीति नहीं होनी चाहिए।”

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संसद के मानसून सत्र 2025 में सरकार जिन संभावित विधेयकों को पेश कर सकती है, उनमें से सबसे महत्वपूर्ण राष्ट्रीय सुरक्षा से संबंधित विधेयक (National Security Amendment Bill) माना जा रहा है
क्यों है यह विधेयक सबसे महत्वपूर्ण?

1. ऑपरेशन सिंदूर की पृष्ठभूमि

भारत द्वारा पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (PoK) में आतंकी ठिकानों पर की गई मिसाइल स्ट्राइक के बाद यह विधेयक पेश किया जा सकता है, ताकि आतंकी हमलों से निपटने के लिए सरकार को अधिक अधिकार और स्पष्ट नीति मिल सके।

2. राष्ट्रीय सुरक्षा नीति को मजबूत करना

यह विधेयक आतंकवाद, साइबर अटैक और सीमा पार घुसपैठ जैसे मुद्दों पर केंद्र को कठोर और तेज़ निर्णय लेने में सक्षम बना सकता है।

3. Bureaucratic Delay को कम करने का प्रयास

इसमें सुरक्षा से जुड़े निर्णयों में तेजी लाने के लिए नौकरशाही प्रक्रियाओं को सरल बनाने के प्रस्ताव हो सकते हैं।

4. अंतर्राष्ट्रीय दबाव और कूटनीतिक जवाब

भारत को वैश्विक मंचों पर अपना रुख स्पष्ट और मजबूती से रखने के लिए कानूनी रूप से समर्थ होना पड़ेगा — यह विधेयक उसी दिशा में एक कदम हो सकता है।

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अन्य संभावित विधेयक (लेकिन कम महत्वपूर्ण):

  •  डिजिटल इंडिया डाटा प्रोटेक्सन बिल 

  • वुमन रेजर्वेसन इमपलेमेनटेसन गाइड्लाइन 

  •  जीएसटी सिंपलीफ़िकसन अमेंडमेंट 

  • Education रिफॉर्म बिल  2025

संसद का आगामी  Monsoon Session  कई महत्वपूर्ण मुद्दों पर चर्चा के लिए एक महत्वपूर्ण मंच होगा। ऑपरेशन सिंदूर, राष्ट्रीय सुरक्षा, आर्थिक सुधार, और सामाजिक कल्याण योजनाएँ इस सत्र के प्रमुख विषय होंगे। जनता और विपक्ष की अपेक्षाएँ बहुत  हैं, और यह सत्र भारतीय लोकतंत्र के लिए एक महत्वपूर्ण अवसर प्रस्तुत करने जा रहा हैं ।

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