सामग्री (Table of Contents)
भावपूर्ण शुरुआत: एक चौंकाने वाला पल
Nafisa Ali का कैंसर संघर्ष: शुरुआत से अब तक
वापस लौटे कैंसर और कीमोथेरेपी की नौबत
बाल झड़ना, बालों की विदाई और “Positive Power”
परिवार का समर्थन: पोते-पोती और भावनात्मक पल
विशेषज्ञों की राय और आंकड़े
जनता की प्रतिक्रिया, गॉसिप और मत
विवाद और आलोचनाएँ
निष्कर्ष एवं पाठक के लिए संदेश (CTA)
भावपूर्ण शुरुआत: एक चौंकाने वाला पल
एक तस्वीर ने इंटरनेट पर तहलका मचा दिया — एक दम से सिर बिना बालों के, लेकिन चेहरे पर हंसती हुई Nafisa Ali। इस तस्वीर के कैप्शन में उन्होंने लिखा: “Positive Power”। एक ऐसा शब्द, जिसे देखकर हर किसी की आंखें नम हो गईं। ये तस्वीर यह बताती है कि किस तरह जीवन की सबसे कठिन लड़ाइयों में भी आत्मविश्वास और आशा बचे रह सकती है।
“Here go my chemotherapy locks… Soon, I’ll be bald” — इस पोस्ट के साथ उन्होंने अपने बालों के गिरने की ओर इशारा किया।
इसका प्रभाव ही कुछ ऐसा रहा कि सोशल मीडिया पर जैसे एक संदेश फैल गया — “कैंसर से हार मान लेना विकल्प नहीं है।”
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Nafisa Ali का कैंसर संघर्ष: शुरुआत से अब तक
नवम्बर 2018 में Nafisa Ali को स्टेज-3 पेरिटोनियल और ओवेरियन कैंसर का निदान हुआ।
2019 में उन्होंने पहली बार यह घोषणा की कि उन्होंने कैंसर को “पार” किया है।
लेकिन हाल ही में उन्होंने बताया कि कैंसर फिर से वापस आ गया है — इस बार स्टेज-4 स्तर पर।
डॉक्टरों ने बताया कि इस बार सर्जरी संभव नहीं है, इसलिए उन्हें कीमोथेरेपी फिर से शुरू करनी होगी।
वर्ष | स्थिति / घटना |
---|---|
2018 नवम्बर | स्टेज-3 पेरिटोनियल / ओवेरियन कैंसर निदान |
2019 | पहली लड़ाई सफल, “कैंसर फ्री” की घोषणा |
2025 | कैंसर वापस लौटता है, स्टेज-4, सर्जरी न संभव |
2025 (सितंबर) | पेट स्कैन → कीमोथेरेपी पुनः शुरू |

वापस लौटे कैंसर और कीमोथेरेपी की नौबत
नवम्बर 2018 में हुई निदान से करीब 7 साल बाद — 2025 में — Nafisa Ali ने स्वीकार किया कि उनके कैंसर का पुनरागमन हुआ है।
उन्होंने इंस्टाग्राम पर लिखा:
“A new chapter in my journey from today. I had my PET scan yesterday … so back to chemotherapy as surgery is not possible.”
डॉ॰ आर्चित पंडित, सर्जिकल ऑन्कोलॉजी विशेषज्ञ, बताते हैं:
“इस तरह के ऑवेरियन/पेरिटोनियल कैंसर में पुनरागमन का प्रतिशत उच्च होता है, विशेषकर स्टेज-3 व उससे ऊपर की दशा में।”
डॉ॰ पंडित आगे कहते हैं कि HIPEC (Hyperthermic Intraperitoneal Chemotherapy) जैसी उन्नत विधियां relapse मामलों में उपयोगी हो सकती हैं।
बाल झड़ना, बालों की विदाई और “Positive Power”
कीमोथेरेपी का सबसे असरदार और भयानक साइड-इफेक्ट — बालों का झड़ना — इस बार Nafisa Ali ने खुले दिल से स्वीकार किया। उन्होंने तस्वीरें साझा कीं, जिनमें एक ब्रश में बाल भरे दिखते हैं।
इसी बीच, उन्होंने अपनी पोती-पोते को भी इस प्रक्रिया में शामिल किया — उन्होंने मिलकर बाल काटे, ताकि दर्द का अनुभव और भावात्मक भार कम हो।
खुद नफ़ीसा ने लिखा:
“Finally, my little grandchildren helped me with my hair fall.”
इन पोस्ट्स के साथ उनका “Positive Power” का संदेश फैल गया — मुश्किल समय में भी आत्मस्वीकृति और आत्मसम्मान की सीख।
परिवार का समर्थन: पोते-पोती और भावनात्मक पल
कभी-कभी एक छोटी सी मुस्कान, एक हाथ का स्पर्श, पूरी दुनिया बदल देता है। Nafisa Ali ने अपने पोते-पोतियों को इस कठिन दौर में साथी बनाया। उनके साथ बाल कटने का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ।
उनकी पुत्री-पूत्रियों ने कैमरे के सामने सहजता से यह पल साझा किया। इस तरह, एक सामान्य दर्दनाक घटना को परिवार के जुड़ाव और प्यार का क्षण बना दिया गया।
Nafisa Ali ने एक बार लिख भी दिया:
“One day my children asked, ‘Who will we turn to when you’re gone?’ I told them, ‘Turn to each other. That is my greatest gift…’”
यह वाक्य दर्शाता है कि इस संघर्ष के बीच भी उनका मुख्य उद्देश्य — परिवार को जोड़ना — कभी नहीं बदला।
विशेषज्ञों की राय और आंकड़े
जैसे की डॉ॰ पंडित ने बताया, Stage-3 ovarian / peritoneal cancer relapse rate 70–90% के बीच हो सकती है।
वित्तीय एक्सप्रेस की एक रिपोर्ट बताती है कि कीमोथेरेपी स्वास्थ्य को थकावट, कमजोरी, बाल झड़ना, जी मचलाना जैसे साइड इफेक्ट देती है।
एक अन्य रिपोर्ट में कहा गया है कि बाल झड़ना अक्सर अस्थायी होता है — उपचार की अवधि के बाद बाल वापस आ जाते हैं।
ये आंकड़े इस बात की पुष्टि करते हैं कि न केवल यह लड़ाई शारीरिक है, बल्कि मानसिक और भावनात्मक रूप से भी बेहद भारी है।

जनता की प्रतिक्रिया, गॉसिप और मत
जब Nafisa Ali ने अपनी तस्वीर साझा की, प्रतिक्रिया ताबड़तोड़ हुई:
अभिनेत्री Dia Mirza ने ❤️ इमोजी भेजी और लिखा, “Love and healing.”
एक यूज़र ने लिखा, “Looking very cute!!! 😍 time to be a baby and be pampered.”
दूसरी ओर, एक यूज़र ने लिखा, “More power to you 🙌 and wishing you a speedy recovery.”
गॉसिप की तो कमी नहीं — कुछ लोग कह रहे हैं कि ये पब्लिसिटी स्टंट हो सकता है या ध्यान खींचने की कोशिश। लेकिन इस तरह की आलोचना आम है जब सितारे निजी लड़ाइयाँ सार्वजनिक करते हैं।
एक इंस्टाग्राम कमेंट में किसी ने लिखा:
“क्या सच में ये हालत है या एक्टिंग?”
जिस पर समर्थकों ने तुरंत पलटवार किया:
“आप कहां थे जब उन्होंने 2019 में स्वस्थ होने की घोषणा की थी?”
ये प्रतिक्रियाएँ दर्शाती हैं कि दर्शक अक्सर भावनात्मक और संदेह की मिली-जुली प्रतिक्रिया देते हैं।
विवाद और आलोचनाएँ
पब्लिसिटी आरोप
जैसा कि ऊपर उल्लेख किया गया, कुछ लोग सोचते हैं कि इस तरह की पोस्ट्स एक तरह की मीडिया स्ट्रेटजी हो सकती हैं — “दिखाना कि मैं कितनी जुझारू हूँ” — लेकिन यह सोचना नहीं चाहिए कि हर सार्वजनिक कैंसर दर्द PR स्टंट है।चिकित्सा जानकारी को गलत तरीके से पेश करना
कभी-कभी मीडिया रिपोर्ट्स में इलाज की संभावनाएँ बड़ी ओछी दिखाई जाती हैं — जैसे HIPEC, इम्यूनोथेरेपी, आदि — जिनका उपयोग हर मरीज पर संभव नहीं। विशेषज्ञों का मानना है कि ऐसी रिपोर्ट्स से उम्मीदों का गलत संकेत जा सकता है।लोकतंत्र में व्यक्तिगत संघर्ष की सार्वजनिक झलक
क्या हर रोगी को अपनी लड़ाई सार्वजनिक करनी चाहिए? यह विचार विवादास्पद है — व्यक्तिगत सम्मान बनाम समाज को प्रेरणा देना — दोनों के बीच संतुलन बनाना कठिन है।
निष्कर्ष एवं पाठक के लिए संदेश (CTA)
Nafisa Ali का “बोल्ड” और “कॉन्फिडेंट” अंदाज, सिर बिना बालों के भी — यह सिर्फ एक तस्वीर नहीं है, बल्कि संकल्प और आत्मविश्वास का संदेश है। यह हमें याद दिलाता है कि जब तक उम्मीद बनी हो, आत्मा को ध्वस्त नहीं किया जा सकता।
उनकी कहानी हमें सिखाती है:
दृढ़ता और स्वीकार — हार न मानना लेकिन क्षणों को स्वीकार करना
पारिवारिक प्रेम — संघर्ष को साझा करने की शक्ति
सत्यता और खुलापन — बीमारी पर खुल कर बातें करना समाज में जागरूकता लाता है
👉 आपसे निवेदन:
अगर आपको यह लेख अच्छा लगा हो — कृपया शेयर करें, टिप्पणी करें और इस संदेश को फैलाइए — ताकि इस लड़ाई में अकेले नफीसा ही नहीं, बल्कि हर रोगी को Positive Power मिले।
निष्कर्ष:
कैंसर ने उनके शरीर को कमजोर किया हो सकता है, लेकिन Nafisa Ali ने साबित कर दिया है कि हिम्मत, परिवार और आत्मविश्वास कभी कमजोर नहीं पड़ते। उनकी मुस्कान हमें याद दिलाती है — चाहे कितनी भी अंधेरी रात हो — रविवार की सुबह ज़रूर आएगी।
मैं राकेश श्रीवास्तव, रांची (झारखंड) से हूँ। मैं एक MBA स्नातक हूँ और मुझे कॉर्पोरेट क्षेत्र में 12 वर्षों से अधिक का अनुभव है। अब मैं पूरी तरह से एंटरटेनमेंट न्यूज़ लेखन और कंटेंट क्रिएशन में सक्रिय हूँ। मेरा फोकस बॉलीवुड, हॉलीवुड, ओटीटी प्लेटफॉर्म्स और सोशल मीडिया पर ट्रेंड कर रही खबरों पर रहता है। मैं गूगल ट्रेंड्स, गूगल न्यूज़ और अन्य विश्वसनीय स्रोतों की मदद से ताज़ा और प्रामाणिक जानकारी एकत्र करता हूँ और उन्हें रोचक अंदाज़ में अपने हिंदी ब्लॉग के माध्यम से पाठकों तक पहुँचाता हूँ। मेरा उद्देश्य सिर्फ खबर देना नहीं है, बल्कि उसके पीछे की सच्चाई, एक्सपर्ट राय और लोगों की प्रतिक्रियाएं भी सामने लाना है। मैं चाहता हूँ कि मेरे पाठक हर खबर के पीछे की पूरी तस्वीर समझ सकें और एंटरटेनमेंट की दुनिया की हर हलचल से अपडेट रहें। आपका साथ ही मेरी सबसे बड़ी प्रेरणा है।