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“मोदी सरकार के 11 साल: अमित शाह बोले ‘जनसेवा का स्वर्णिम युग’, ऑपरेशन सिंदूर से लेकर विकास तक का रिपोर्ट कार्ड”

अनुक्रमणिका

  1. PM Modi-Led Government का  सफर: 2014 से 2025 तक

  2. अमित शाह का बातचित 

  3. ‘जनसेवा का स्वर्णिम युग’ के मायने

  4. ऑपरेशन सिंदूर: भारत का साहसी कदम

  5. डिजि-क्रांति: JAM ट्रिनिटी और ई-बुक

  6. विकासवादी भारत: Vikasvaad की नीति

  7. इंफ्रास्ट्रक्चर: पुल, रेलवे, कनेक्टिविटी

  8. नया न्याय तंत्र: BNS, BNSS, BSA लागू

  9. जनता की जुबानी: आम राय और उत्साह

  10. विवाद और आलोचनाएं: क्या है विपक्ष की राय?

PM Modi-Led Government का  सफर:

2014 से 2025 तक प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 26 मई 2014 को अपनी पहली शपथ ली और अब तीन बार लगातार सरकार चला रहे हैं। 9 जून 2025 को उसके प्रधानमंत्री पद पर 11 वर्ष पूरे हो जाएंगे।

गृहमंत्री अमित शाह का बयान:

“यह जनसेवा का स्वर्णिम युग रहा है—संकल्प, साधना और समर्पण से भरपूर।”

उन्होंने राष्ट्रीय सुरक्षा, सामाजिक न्याय, आर्थिक पुनरुत्थान और सांस्कृतिक गौरव की सफलताओं का जिक्र किया।

‘जनसेवा का स्वर्णिम युग’ क्या है?

यह सिर्फ ज़ुबानी नारा नहीं बल्कि खुद अमित शाह की परिभाषा है:

  • Minimum Government, Maximum Governance

  • Sabka Saath, Sabka Vikas, Sabka Vishwas, Sabka Prayas

  • राष्ट्रीय सुरक्षा में ठोस कदम: नक्सलवाद पर नियंत्रण, जम्मू-कश्मीर और पूर्वोत्तर में शांति स्थापित करना

pm modi- led government

ऑपरेशन सिंदूर: 7 मई को भारत ने अपना साहसिक कदम उठाया 

ऑपरेशन सिंदूर—शुरू किया। इसके बाद पाकिस्तान और PoK में आतंकी ठिकानों पर हमले हुए, जिसमें 100 से अधिक आतंकी मारे गए, जिनमें IC-814 और पुलवामा हमलों से जुड़े लोग शामिल थे।
प्रधानमंत्री मोदी ने इसे “इतिहास का सबसे बड़ा और सफल एंटी-टेरर ऑपरेशन” बताया और BSF की महिला जवानों की बहादुरी की प्रशंसा की।

डिजिटलीकरण: JAM ट्रिनिटी और ई-बुक

सरकार ने एक ई-बुक जारी की जिसमें डिजिटल बदलाव पर जोर था—JAM ट्रिनिटी (Jan Dhan, Aadhaar, Mobile) से योजनाओं की पारदर्शिता बढ़ी और बिचौलियों की भूमिका खत्म हुई  
COVID‑19 वैक्सीनेशन, देश की सबसे ऊँची निर्यात दर, ग्रामीण बिजली और पेयजल विकास के आंकड़े विशेष रूप से शामिल थे

विकासवादी भारत: Vikasvaad की नीति

ई-बुक में स्पष्ट लिखा है कि इसका आधार “विकासवाद” है—जिसे मोदी ने राजनीति के केंद्र में रखा  
“India First” के सिद्धांत पर नीति बनती है—चाहे आर्थिक हो, सामाजिक हो या सुरक्षा से संबंधित

इंफ्रास्ट्रक्चर: पुल, रेलवे, कनेक्टिविटी

  • त्रासदी का जवाब: चीनाब ब्रिज का उद्घाटन—दुनिया का सबसे ऊँचा रेलवे आर्क ब्रिज (6 जून)

  • ग्रामीण सड़क परियोजनाओं से 25,000 गांवों को जोड़ना और 62,500 किमी सड़क निर्माण

  • वाडावन पोर्ट फाउंडेशन और हाई-स्पीड रोड कॉरिडोर की रूपरेखा
    (इन्फ्रास्ट्रक्चर की जानकारी प्रयोगकर्ता DOC में मौजूद थी)

नया न्याय तंत्र: BNS, BNSS, BSA लागू

मॉडर्न क्रिमिनल कोडिंग विधि:

  • भारतीय न्याय संहिता (BNS)

  • भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता (BNSS)

  • भारतीय साक्ष्य अधिनियम (BSA)
    इनमें औपनिवेशिक कानूनों (IPC, CrPC, Evidence Act) को बदलकर नए भारतीय संदर्भ में बनाया गया नया शासन विधान शामिल है।

जनता की जुबानी

  • ग्रामीण महिला: “पहले योजना का पैसा पहुंचने में हफ्ते लग जाते थे, आज मोबाइल पर मैसेज आते  ही पैसा आ गया।”

  • स्टार्टअप सामूहिकता: Angel Tax हटने, बाहरी निवेश में बढ़ोतरी से आत्मनिर्भर भारत की नींव मजबूत हुई।

विवाद और आलोचनाएं

विपक्ष की आवाज़ें:

  • कांग्रेस ने आरोप लगाया कि लोकतंत्र, संघीय ढांचा और संस्थाओं की नींव कमजोर हुई

  • अन्य आलोचक महंगाई, बेरोज़गारी और प्रेस आज़ादी जैसे मुद्दों पर सवाल उठा रहे हैं।

मोदी सरकार के 11 सालों ने स्पष्ट रूप से देश को जनसेवा, विकास, सुरक्षा और डिजिटलीकरण की राह पर आगे बढ़ाया है।
लेकिन जहाँ एक तरफ यह स्वर्णिम युग बताया जा रहा है, वहीं दूसरी तरफ लोकतांत्रिक मूल्यों और आर्थिक चुनौतियों पर सवाल भी खड़े हैं।

आने वाले वर्षों में यह देखना दिलचस्प होगा कि कहाँ तक यह रिकॉर्ड दूसरी तरफ से भी संतुलन बनाए रखता है।

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