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AI से बदले गए ‘Raanjhanaa’ के क्लाइमैक्स पर बवाल – Neeraj Pandey ने कहा “Disrespectful”, Aanand L Rai बोले ‘ये फिल्म की आत्मा से धोखा है’

📚 Table of Contents

  1. क्या हुआ ‘Raanjhanaa’ के साथ?

  2. AI ने बदल दिया क्लाइमेक्स – नया क्या जोड़ा गया?

  3. नीरज पांडे और आनंद एल राय का गुस्सा

  4. Eros International का पक्ष क्या है?

  5. जनता और इंडस्ट्री का रिएक्शन

  6. AI और फिल्म इंडस्ट्री – एक नई जंग

  7. नज़रिया और निष्कर्ष – ये सिर्फ एक फिल्म नहीं है

🎬 क्या हुआ ‘Raanjhanaa’ के साथ?

2013 की सुपरहिट फिल्म ‘Raanjhanaa’, जिसमें धनुष और सोनम कपूर ने लीड रोल निभाया था, अब फिर से तमिलनाडु में रिलीज़ हो रही है। लेकिन इस बार बात कुछ अलग है – फिल्म का क्लाइमैक्स AI (Artificial Intelligence) की मदद से बदला गया है। और बस यहीं से विवाद शुरू हो गया।

🤖  AI ने बदल दिया क्लाइमेक्स – नया क्या जोड़ा गया?

प्रोडक्शन हाउस Eros International ने फिल्म के एंड को “Happy Ending” में बदल दिया है ताकि तमिल ऑडियंस के लिए फिल्म का टोन हल्का और सकारात्मक लगे। क्लाइमैक्स में न केवल स्क्रिप्ट में बदलाव हुआ है, बल्कि AI के जरिए धनुष और सोनम के फेस एक्सप्रेशन्स और डायलॉग्स भी रीक्रिएट किए गए हैं

बदलावपहलेAI क्लाइमेक्स
अंतदुखद (कुंदन की मृत्यु)खुशहाल अंत
अभिनेता की परफॉर्मेंसअसलीAI-जेनरेटेड
डायरेक्टर की मंजूरीथीनहीं थी

😠 नीरज पांडे और आनंद एल राय का गुस्सा

नीरज पांडे (Special 26, A Wednesday) ने एक साक्षात्कार में कहा:

“AI सिर्फ एक टूल है, लेकिन इंसान चला रहा है। अगर फिल्म को डायरेक्टर और राइटर की बिना मंजूरी बदला गया है, तो ये बेहद Disrespectful है।”

वहीं आनंद एल राय तो इतने भावुक हो गए कि उन्होंने इंस्टाग्राम पर फिल्म के पुराने BTS फोटो के साथ एक लंबा नोट लिखा:

“ये फिल्म सिर्फ एक स्क्रिप्ट नहीं थी, ये इंसानों के जज़्बात से बनी थी।
इसका इस तरह बदला जाना एक बेपरवाह कब्जा (reckless takeover) है।”

उन्होंने यह भी कहा:

“ना मुझे बताया गया, ना हमारी टीम को। ना राइटर, ना म्यूज़िक डायरेक्टर, ना सोनम, ना धनुष – कोई भी शामिल नहीं था इस फैसले में।

 
Raanjhanaa

🏢 Eros International का पक्ष क्या है?

Eros ने सफाई में कहा:

“ये एक legally compliant और creatively guided AI एडिशन है, जो तमिल ऑडियंस के लिए बनाया गया है। हमने AI को सिर्फ एक टूल की तरह इस्तेमाल किया है, सभी क्रिएटिव निर्णय इंसानों ने ही लिए हैं।”

पर सवाल यह है: “किस इंसान ने ये निर्णय लिया, और क्यों नहीं टीम से संपर्क किया गया?”

📢 जनता और इंडस्ट्री का रिएक्शन

फिल्म प्रेमियों और सोशल मीडिया यूज़र्स ने अपनी नाराज़गी खुलकर जाहिर की:

🗣️ “Raanjhanaa मेरी फेवरेट फिल्म है, इसे छेड़छाड़ करना गुनाह है।”
🗣️ “AI ने इंसानों के इमोशन मिटा दिए। ये कला का अपमान है।”
🗣️ “फिल्म का मकसद बदल दिया गया, अब ये वही कहानी नहीं रही।”

जबकि कुछ ने इसे “फ्यूचर ऑफ सिनेमा” भी बताया, लेकिन ज्यादातर दर्शक भावनात्मक रूप से दुखी हैं।

🔍 AI और फिल्म इंडस्ट्री – एक नई जंग

AI का असर अब सिर्फ टेक इंडस्ट्री तक सीमित नहीं रहा।

क्षेत्रअसर
टेक इंडस्ट्री36% जॉब पोस्टिंग घटी (Indeed रिपोर्ट)
OpenAI₹1 ट्रिलियन वैल्यू, $12B सालाना रेवेन्यू
Microsoft$4 ट्रिलियन मार्केट वैल्यू पार
फिल्म इंडस्ट्रीक्रिएटिव कंट्रोल बनाम टेक्नोलॉजी की लड़ाई

AI का इस्तेमाल जहां कुछ जगह नई संभावनाएं खोल रहा है, वहीं क्रिएटिव वर्ल्ड में ‘कन्सेंट’ और ‘इमोशन’ की अनदेखी से भारी बहस छिड़ चुकी है।

💬 नज़रिया और निष्कर्ष – ये सिर्फ एक फिल्म नहीं है

‘Raanjhanaa’ कोई आम फिल्म नहीं थी – ये इमोशन्स, दिल की टूटन, और मोहब्बत की दीवानगी की कहानी थी। जब ऐसी फिल्म को AI की “स्मार्ट एडिटिंग” से नया अंत दिया जाता है, तो सवाल उठता है – क्या टेक्नोलॉजी हमारे एहसासों की जगह ले सकती है?

🧾 निष्कर्ष:

फिल्में केवल कैमरा, लाइट और स्क्रिप्ट नहीं होतीं – वो दिल से बनती हैं।
‘Raanjhanaa’ के साथ जो हुआ, वो एक अलार्म बेल है – AI का इस्तेमाल ज़रूरी है, लेकिन ज़िम्मेदारी से।

📣 Call to Action:

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