Operation Sindoor पर विदेशी ताकतों को जानकारी देना अस्वीकार्य: विपक्ष ने Rahul Gandhi की आलोचना की, भाजपा ने उन्हें ‘Modern Mir Jafar’ कहा

‘ऑपरेशन सिंदूर’ पर भारतीय संसद से पहले विदेशी सरकारों को जानकारी देने के आरोप को लेकर राजनीतिक भूचाल मच गया है। इस बार राहुल गांधी फिर एक बार विवादों के केंद्र में हैं। बीजेपी के अमित मालवीय ने उन्हें ‘Modern Mir Jafar ‘ करार दे दिया।

बीजेपी का तीखा हमला – ‘मीर जाफर’ करार

बीजेपी आईटी सेल प्रमुख अमित मालवीय ने राहुल गांधी को सीधे-सीधे देशद्रोही मानसिकता से जोड़ते हुए उन्हें “Modern Mir Jafar ” करार दिया।

“राहुल गांधी हमेशा भारत के खिलाफ खड़े नरेटिव को बल देते हैं — चाहे वो पाकिस्तान हो, चीन हो या पश्चिमी मीडिया।”

भाजपा नेताओं का मानना है कि राहुल का यह व्यवहार पाकिस्तान और चीन की रणनीतिक सोच को लाभ पहुंचाता है, जो भारतीय सैन्य ऑपरेशनों और विदेश नीति पर दुनिया में सवाल उठवाना चाहता है।

‘Modern Mir Jafar’

ऑपरेशन सिंदूर: क्या है विवाद की जड़?

‘ऑपरेशन सिंदूर’ भारतीय सैन्य वीरों द्वारा किया गया एक  सैन्य अभियान है, जिसे हाल ही में भारतीय सेना ने भारत की पूर्वी सीमाओं पर सफलतापूर्वक अंजाम दिया। सरकार ने इस पर कोई सार्वजनिक विवरण जारी नहीं किया है। लेकिन आरोप है कि राहुल गांधी ने विदेशी राजनयिकों से मुलाकात के दौरान इसके कुछ पहलुओं पर टिप्पणी की।

न तो इस बातचीत का दस्तावेज़ सार्वजनिक हुआ है, न ही कांग्रेस की ओर से इसे खंडित किया गया है, जिससे विवाद और गहराता जा रहा है।

केंद्रीय मंत्री प्रह्लाद जोशी ने भी राहुल गांधी की आलोचना की और कहा कि ऐसा लगता है कि उन्होंने अपनी पिछली गलतियों से कुछ नहीं सीखा है। “वह (राहुल गांधी) यह सवाल करके देश के सशस्त्र बलों का अपमान करना जारी रखते हैं कि कितने जेट खो गए – जबकि भारतीय वायुसेना और विदेश मंत्रालय ने स्पष्ट बयान दिया है कि किसी भी संपत्ति का नुकसान नहीं हुआ है।

वह विदेश मंत्रालय के बयान को गलत तरीके से उद्धृत करते हैं, भले ही डीजीएमओ ने 11 मई की अपनी ब्रीफिंग में स्पष्ट किया था कि भारत ने अपने समकक्षों के साथ संवाद करने के प्रयास किए थे। क्या कांग्रेस पार्टी वास्तव में राष्ट्र का समर्थन करने के लिए गंभीर है? उनके कार्य कुछ और ही संकेत देते हैं,” उन्होंने एक्स पर लिखा।

‘Modern Mir Jafar’

“यह कोई नई बात नहीं है। अतीत में भी, पाकिस्तानी प्रतिष्ठान ने आतंकवादियों को पनाह देने में अपनी भूमिका से ध्यान हटाने के लिए अंतरराष्ट्रीय मंचों पर राहुल गांधी के बयानों का खुशी-खुशी हवाला दिया है। उनके शब्द बार-बार उन लोगों के लिए कवर का काम करते हैं जो सीमा पार आतंकवाद को प्रायोजित करते हैं,” मालवीय ने एक्स पर एक पोस्ट में लिखा, जिसमें उन्होंने एक पाकिस्तानी समाचार चैनल का वीडियो क्लिप शेयर किया, जिसमें जयशंकर पर राहुल गांधी की पोस्ट है।

भाजपा नेता ने आगे कहा कि यह कोई आश्चर्य की बात नहीं है कि राहुल गांधी पाकिस्तान और उसके हितैषियों की भाषा बोल रहे हैं। “उन्होंने प्रधानमंत्री को ऑपरेशन सिंदूर के लिए बधाई नहीं दी, जो स्पष्ट रूप से भारत के प्रभुत्व को दर्शाता है। इसके बजाय, वे बार-बार पूछते हैं कि हमने कितने जेट खो दिए – एक सवाल जो पहले ही डीजीएमओ ब्रीफिंग में संबोधित किया जा चुका है।”

भाजपा ने कहा कि कांग्रेस नेता ने एक बार भी यह नहीं पूछा कि संघर्ष के दौरान कितने पाकिस्तानी जेट मार गिराए गए, या भारतीय सेना द्वारा पाकिस्तानी एयरबेस पर बमबारी के दौरान कितने विमान हैंगर में खड़े होने के दौरान नष्ट हो गए। भाजपा नेता ने पूछा, “राहुल गांधी के लिए आगे क्या है? निशान-ए-पाकिस्तान?”

विपक्ष ने राहुल गांधी पर हमलों की निंदा की

विपक्षी नेताओं ने राहुल गांधी पर अमित मालवीय के हमलों की निंदा की, शिवसेना (यूबीटी) सांसद प्रियंका चतुर्वेदी ने सुझाव दिया कि भाजपा को अपनी सोशल मीडिया रणनीति पर पुनर्विचार करना चाहिए।

 “ऐसे समय में जब लोकसभा और राज्यसभा दोनों के विपक्षी नेताओं ने सर्वदलीय बैठक में सरकार और सशस्त्र बलों को आतंकवादी हमले के खिलाफ हर संभव कार्रवाई करने का समर्थन किया। जब पूरा विपक्ष समर्थन कर रहा है और अपने व्यक्तिगत मतभेदों को एक तरफ रखकर दुनिया (सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल) के सामने जा रहा है, और अमित मालवीय लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी पर बयान दे रहे हैं, जो किए जा रहे काम की भावना के खिलाफ है। भाजपा को अपनी सोशल मीडिया रणनीति पर पुनर्विचार करना चाहिए।”

इसके अलावा, कांग्रेस नेता पवन खेड़ा ने राहुल गांधी के बारे में मालवीय की पोस्ट के बाद भाजपा पर हमला बोला।

रॉ के रहस्यों का खुलासा करने के लिए मान्यता प्राप्त करने वाले एकमात्र भारतीय राजनेता मोरारजी देसाई थे, जो निशान-ए-पाकिस्तान के नेता थे। किसी और ने नहीं समझा… लाल कृष्ण आडवाणी जैसे अन्य लोग, जिन्होंने जिन्ना को धर्मनिरपेक्ष बताया, और वह व्यक्ति जो बिना निमंत्रण के नवाज शरीफ के साथ बिरयानी खाने में शामिल हुआ, वे निशान-ए-पाकिस्तान के हकदार हैं,”  

राहुल गांधी के विवादित बयानों का इतिहास (2008–2025)

वर्षस्थानबयानविवाद की प्रकृति
2013अमेरिका“भारत महिलाओं के लिए सबसे असुरक्षित देश है”विदेश में भारत की छवि को नुकसान
2018लंदन“भारत की संस्थाएं आरएसएस के नियंत्रण में हैं”आंतरिक राजनीति को विदेशी मंच पर उठाया
2020केरल“उत्तर भारत के लोग सतही होते हैं”क्षेत्रीय भाषा और पहचान पर चोट
2023कैम्ब्रिज“भारत में लोकतंत्र खत्म हो चुका है”विदेशी पत्रकारों के सामने भारतीय लोकतंत्र की आलोचना
2025गोपनीय‘ऑपरेशन सिंदूर’ पर विदेशी ब्रीफिंग का आरोपरक्षा नीति में लीक और गोपनीयता का उल्लंघन
‘Modern Mir Jafar’

जनता की प्रतिक्रिया: सोशल मीडिया में घमासान

राहुल गांधी को लेकर ट्विटर और फेसबुक पर दो अलग-अलग राय दिख रही हैं:

  •  भाजपा समर्थकों ने चलाया हैशटैग: #MirJafarRahul, #NationFirst

  •  कांग्रेस समर्थकों का कहना है: “सत्ता पक्ष राजनीतिक बदले की भावना से हमला कर रहा है।”

  •  कुछ लोगों ने सवाल किया कि विदेशों से रिश्तों पर राजनीति करना कितना सही है?

 

निष्कर्ष: संवेदनशीलता और संप्रभुता का सवाल

भारत जैसे लोकतांत्रिक और विविधता भरे राष्ट्र में विपक्ष का सवाल पूछना बुनियादी अधिकार है, लेकिन रणनीतिक और सैन्य विषयों पर विदेशों से पहले बोलना न केवल संवैधानिक मूल्यों के खिलाफ है, बल्कि राष्ट्रीय सुरक्षा की दृष्टि से भी खतरनाक है।

राहुल गांधी के लिए यह जरूरी हो गया है कि वे न केवल इस मुद्दे पर स्पष्ट बयान दें, बल्कि यह भी समझें कि राजनीतिक आलोचना और राष्ट्रीय सुरक्षा के बीच फर्क होता है।

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