RBI ने दिखाई दरियादिली – रेपो में 50 bps और CRR में 100 bps की कटौती से उभरती अर्थव्यवस्था को संजीवनी

Table of Contents (विषय सूची):

  1. RBI की ऐतिहासिक दरियादिली

  2. क्या होता है CRR और Repo Rate?

  3. आंकड़ों में RBI का फैसला

  4. क्यों लिया गया ये बड़ा फैसला?

  5. लोगों की राय – राहत या उलझन?

  6. विशेषज्ञों की नज़र में RBI का फैसला

  7. शेयर बाजार की प्रतिक्रिया – निफ्टी बैंक में उछाल

  8. कुछ विवाद और गॉसिप भी

  9. भविष्य की चाल – अब आगे क्या?

  10. निष्कर्ष – राहत की बौछार या रणनीतिक चाल?

आरबीआई की ऐतिहासिक दरियादिली

6 जून 2025 को RBI की मॉनेटरी पॉलिसी कमेटी (MPC) की बैठक में जो हुआ, उसने पूरे देश को चौंका दिया। RBI गवर्नर संजय मल्होत्रा ने ऐलान किया कि रेपो रेट में 25 bps की कटौती और CRR में 100 bps की भारी छूट दी जा रही है। इसके साथ ही, RBI ने मौद्रिक नीति के रुख को “Accommodative” से बदलकर “Neutral” कर दिया है।

RBI

क्या होता है CRR और Repo Rate?

  • Repo Rate: वह दर जिस पर बैंक, RBI से कर्ज लेते हैं। इसे घटाने से लोन सस्ते होते हैं।

  • CRR (Cash Reserve Ratio): बैंक अपनी जमा का एक हिस्सा RBI के पास रखते हैं। इसे घटाने से बैंकों के पास ज्यादा पैसे आते हैं जो मार्केट में डाले जा सकते हैं।

आंकड़ों में RBI का फैसला

पैरामीटरपिछला स्तरनया स्तरपरिवर्तन
रेपो रेट6.00%5.50%-0.50% (50 bps)
CRR4.50%3.50%-1.00% (100 bps)
GDP ग्रोथ अनुमान6.5%6.5%कोई बदलाव नहीं
महंगाई अनुमान4.0% से घटाकर3.7%-0.3% (30 bps)

👉 CRR कटौती से ₹2.5 लाख करोड़ की नकदी सिस्टम में आएगी।

क्यों लिया गया ये बड़ा फैसला?

  • कम महंगाई दर: महंगाई RBI के 4% के लक्ष्य से नीचे है।

  • धीमी विकास दर की चिंता: पहली तिमाही का GDP अनुमान कमजोर आया।

  • बाजार की उम्मीद से ज्यादा: CNBC-TV18 ने 25 bps कटौती की उम्मीद जताई थी, RBI ने उससे दोगुनी राहत दी।

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लोगों की राय – राहत या उलझन?

  • राजेश गुप्ता (स्टार्टअप फाउंडर): “लो-इंटरेस्ट लोन से कैशफ्लो बेहतर होगा, ये बड़ा पॉज़िटिव है।”

  • सीमा शर्मा (हाउसवाइफ): “होम लोन सस्ता हो गया तो EMI में राहत मिलेगी।”

  • छोटे कारोबारियों का कहना है कि बैंकों को अब SME सेक्टर को ज्यादा कर्ज देना चाहिए।

विशेषज्ञों की नज़र में RBI का फैसला

  • Dr. अजय शाह (वित्त विशेषज्ञ): “RBI ने संकेत दे दिया है कि वो अब सिर्फ महंगाई नहीं, ग्रोथ को भी उतनी ही प्राथमिकता देगा।”

  • CNBC-TV18 विश्लेषण: “CRR में इतनी बड़ी कटौती अप्रत्याशित थी। इससे नकदी की भरमार होगी।”

शेयर बाजार की प्रतिक्रिया – निफ्टी बैंक में उछाल

RBI के ऐलान के तुरंत बाद Nifty Bank में 500 पॉइंट से ज्यादा की छलांग देखी गई। ये दिखाता है कि बाजार को राहत काफी पसंद आई। बैंकिंग स्टॉक्स जैसे HDFC, ICICI, और SBI में अच्छी खरीदारी दिखी।

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कुछ विवाद और गॉसिप भी

  • कुछ आलोचकों का कहना है कि इतनी बड़ी कटौती से रुपये पर दबाव पड़ सकता है और विदेशी निवेशक घबरा सकते हैं।

  • व्हाट्सएप यूनिवर्सिटी पर एक अफवाह चल रही है कि यह फैसला आगामी लोकसभा चुनावों से पहले जनता को राहत देने के मकसद से लिया गया है।
    (✅ नोट: RBI एक स्वतंत्र संस्था है और ऐसे दावे आधिकारिक रूप से अस्वीकार किए गए हैं।)

भविष्य की चाल – अब आगे क्या?

  • अगली MPC बैठक में यह देखा जाएगा कि यह नकदी सिस्टम में कैसे असर डालती है।

  • अगर महंगाई फिर बढ़ी, तो RBI नीतिगत दरें स्थिर रख सकता है।

  • रेपो रेट और CRR की यह राहत ज्यादा समय तक रहेगी या नहीं, यह बाजार की प्रतिक्रिया पर निर्भर करेगा।

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राहत की बौछार या रणनीतिक चाल?

RBI का यह फैसला देश की उभरती अर्थव्यवस्था के लिए एक नई संजीवनी की तरह है। इससे छोटे व्यापारी, गृह खरीदार और बाजार तीनों को राहत मिलेगी। साथ ही, यह संदेश भी स्पष्ट है कि RBI अब केवल महंगाई नहीं, देश की विकास दर को स्थिर बनाए रखने के लिए भी आक्रामक कदम उठाने को तैयार है।

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