“30 रुपये की कॉफी बेचने से लेकर 5 नेशनल अवॉर्ड्स तक: 75 की उम्र में भी सक्रिय ‘लेजेन्ड्स की बेटी’ Shabana Azmi”

कॉफी बेचने वाली बच्ची से 5 नेशनल अवॉर्ड्स तक: 75 की उम्र में भी Shabana Azmi का जलवा बरकरार!

बॉलीवुड की दिग्गज अदाकारा Shabana Azmi का नाम अभिनय और सामाजिक सरोकारों का पर्याय बन चुका है। लेकिन उनकी राह इतनी आसान नहीं रही। बचपन में उन्होंने पेट्रोल पंप पर कॉफी बेची, दिन के सिर्फ 30 रुपये कमाए और खुद को आत्मनिर्भर बनाया। आज वही शबाना 5 नेशनल अवॉर्ड्स, पद्मश्री और पद्मभूषण  से नवाज़ी जा चुकी हैं।

हैदराबाद में जन्म, कला का माहौल लेकिन आत्मनिर्भरता की राह

18 सितंबर 1950 को हैदराबाद (तेलंगाना) में जन्मी Shabana Azmi के पिता मशहूर शायर कैफ़ी आज़मी और मां अनुभवी अभिनेत्री शौकत आज़मी थीं। घर में कला और साहित्य का माहौल था, फिर भी शबाना ने कभी अपने खर्चे के लिए माता-पिता पर निर्भर रहना नहीं चुना। कॉलेज से पहले उन्होंने तीन महीने पेट्रोल पंप पर कॉफी बेची और 30 रुपये रोज़ाना कमाकर अपने ख़र्च पूरे किए।

Shabana Azmi

‘अंकुर’ से धमाकेदार शुरुआत

1974 में श्याम बेनेगल की ‘अंकुर’ से शबाना का फ़िल्मी करियर शुरू हुआ। एक नौकरानी की भूमिका निभाते हुए उन्होंने पहली ही फिल्म में नेशनल अवॉर्ड जीता। इसके बाद ‘अर्थ’, ‘खंडहर’, ‘पार’, ‘गॉडमदर’ जैसी फिल्मों में दमदार अभिनय कर उन्होंने महिलाओं के मुद्दों को बड़े पर्दे पर उभारा।

पाँच नेशनल अवॉर्ड और बेमिसाल सफ़र

लगातार मेहनत और गहराई से अभिनय करने की वजह से शबाना आज़मी पांच बार नेशनल अवॉर्ड जीत चुकी हैं। उन्होंने पैरलल सिनेमा से लेकर मनीष देसाई के ‘अमर अकबर एंथनी’, ‘परवरिश’, ‘फकीरा’ जैसी मेनस्ट्रीम फिल्मों तक में अलग-अलग किरदार निभाए। यही वजह है कि पांच दशकों बाद भी वह प्रासंगिक हैं।

जावेद अख्तर से शादी और निजी जीवन की चुनौतियां

1984 में Shabana Azmi ने मशहूर गीतकार जावेद अख्तर से शादी की। जावेद पहले से शादीशुदा थे और बाद में तलाक लेकर शबाना से विवाह किया। शबाना ने मां बनने का अनुभव न होने के बावजूद जावेद के बच्चों जोया और फरहान अख्तर को अपना लिया। उनकी मां शौकत आज़मी की आत्मकथा में यह खुलासा हुआ था कि बचपन में शबाना ने दो बार आत्महत्या का प्रयास किया, लेकिन हर बार खुद को संभालते हुए आगे बढ़ीं।

आज भी है काम और जुनून

75 साल की उम्र में भी Shabana Azmi के पास ढेरों प्रोजेक्ट्स हैं। हाल ही में नेटफ्लिक्स की ‘डब्बा कार्टेल’ में नज़र आईं, ‘रॉकी और रानी की प्रेम कहानी’ में भी उनका रोल चर्चित रहा। अमेरिका में उनका नाटक ‘ब्रोकन इमेजेस’ टूर कर रहा है और शेखर कपूर की ‘मासूम: सेकंड जनरेशन’ में वह नसीरुद्दीन शाह के साथ फिर दिखेंगी। आमिर ख़ान की ‘1947 लाहौर’ भी रिलीज़ के लिए तैयार है।

Shabana Azmi

75वें जन्मदिन पर सादगी भरा जश्न

इस खास मौके पर शबाना ने बताया कि उन्हें बड़े होटल में रिसेप्शन जैसा आयोजन पसंद नहीं। आमतौर पर वह घर पर चाय पार्टी रखती हैं। इस बार उनके दोस्त बोनी कपूर ने 40 साल की दोस्ती निभाते हुए अपने घर में जश्न का इंतज़ाम किया।

सहकर्मियों से मिली शुभकामनाएं

उर्मिला मातोंडकर, दिव्या दत्ता और तन्निष्ठा चटर्जी जैसी अभिनेत्रियों ने सोशल मीडिया पर शबाना को जन्मदिन की शुभकामनाएं दीं। उर्मिला ने ‘मासूम’ के दिनों की तस्वीरें साझा कर लिखा कि कैसे शबाना ने उन्हें जिंदगी को खुले दिल से जीना सिखाया।

पचास साल बाद भी प्रेरणा

‘अर्थ’, ‘फायर’, ‘पार’, ‘गॉडमदर’ जैसे रोल निभाने वाली Shabana Azmi आज भी नई पीढ़ी के लिए प्रेरणा हैं। उनकी लिस्ट में अलीया भट्ट, दीपिका पादुकोण, विद्या बालन और तब्बू जैसी अभिनेत्रियां शामिल हैं, जिन्हें वह पसंद करती हैं।

Shabana Azmi की कहानी दिखाती है कि मेहनत, आत्मनिर्भरता और जुनून से कोई भी मंज़िल हासिल की जा सकती है — चाहे शुरुआत कितनी भी छोटी क्यों न हो।

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