“Sitaare Zameen Par Day 1 Collection: आमिर खान की फिल्म ने कमाया ₹11.5 करोड़, ‘कमल’ हटाया, PM Modi की लाइन शामिल – Moral Science या Cinema Supremacy?”

🧾Sitaare Zameen Par: अनुक्रमणिका (Table of Contents)

  1. ओपनिंग डे पर आमिर की उम्मीदें

  2. बॉक्स ऑफिस पर धीमी शुरुआत

  3. फिल्म से जुड़े विवाद – ‘कमल’ और मोदी का डायलॉग

  4. कहानी में क्या है ख़ास?

  5. लोगों और एक्सपर्ट की राय

  6. भविष्य की उम्मीदें

ओपनिंग डे पर आमिर की उम्मीदें

आमिर खान एक बार फिर सिनेमाघरों में लौटे हैं Sitaare Zameen Par के साथ — एक ऐसा प्रोजेक्ट जिसे वो ‘स्पिरिचुअल सीक्वल’ बता रहे हैं 2007 की Taare Zameen Par का। फिल्म को लेकर प्रचार ज़ोरदार था – सोशल मीडिया से लेकर टेलीविज़न इंटरव्यू तक, आमिर हर जगह यही कहते रहे कि “ये फिल्म जल्दी ओटीटी पर नहीं आएगी, इसलिए थिएटर में ही देखनी होगी।”

पर क्या आमिर की यह थिएट्रिकल स्ट्रेटेजी काम आई? आइए आंकड़ों की नज़र से देखते हैं।

बॉक्स ऑफिस पर धीमी शुरुआत

दिनकमाई (₹ करोड़)शो की संख्याऔसत ऑक्यूपेंसी
Day 1₹11.5 करोड़9500+21.34%
  • सुबह और दोपहर के शो: ~16% ऑक्यूपेंसी

  • शाम और रात के शो: 20% से बढ़कर 32.5% तक

  • थिएटर में औसतन 12 लोग प्रति शो

यह आंकड़े दर्शाते हैं कि despite 9500 से ज्यादा शोज़ और बिना किसी बड़ी प्रतियोगिता के, फिल्म की शुरुआत बस ठीक-ठाक रही। आमिर की पिछली फ्लॉप फिल्म Laal Singh Chaddha का भी Day 1 कलेक्शन ₹11.7 करोड़ था।

फिल्म से जुड़े विवाद – ‘कमल’ और मोदी का डायलॉग

रिलीज़ से पहले CBFC (सेंसर बोर्ड) ने फिल्म में 5 बदलाव सुझाए, जो आमिर की टीम ने मान लिए:

  • PM Modi की 2047 विजन वाली लाइन डिस्क्लेमर में जोड़ी गई।

  • “कमल” शब्द को हटाया गया – विजुअल और सबटाइटल दोनों से।

  • “Business Woman” को “Business Person” से बदला गया।

  • 30 सेकंड का डिस्क्लेमर छोटा कर 26 सेकंड का वॉयसओवर रखा गया।

  • “Michael Jackson” को “Lovebirds” से रिप्लेस किया गया।

हालांकि, सेंसर बोर्ड ने यह बदलाव क्यों मांगे, इस पर अभी तक कोई आधिकारिक टिप्पणी नहीं आई है।

Sitaare Zameen Par

कहानी में क्या है ख़ास?

फिल्म स्पेनिश फिल्म Champions की ऑफिशियल रीमेक है। कहानी है दिल्ली के एक गुस्सैल बास्केटबॉल कोच गुलशन (Aamir Khan) की, जिसे कोर्ट आदेश के तहत स्पेशली एबल्ड एडल्ट्स को कोचिंग देनी पड़ती है। शुरुआत में गुलशन को ये सब बेमतलब लगता है, लेकिन समय के साथ उसके सोच में बदलाव आता है।

कहानी में इमोशन, सेंसिटिविटी और “मोरल साइंस” की डोज़ ज़रूर है, लेकिन आलोचक कह रहे हैं कि “हर सीन में लेक्चर मत दो, थोड़ा जीने दो”

लोगों और एक्सपर्ट की राय

👀 जनता की राय (Eye-witness & Social Media):

  • “Emotional है पर preachy बहुत है” – ट्विटर यूजर

  • “Genelia का रोल प्यारा है लेकिन बैकस्टोरीज़ मिसिंग हैं” – इंस्टाग्राम रील रिव्यू

  • “Taare Zameen Par वाला impact नहीं है” – थिएटर के बाहर एक कपल

🎓 एक्सपर्ट्स क्या कहते हैं?

  • थिएटर डायरेक्टर वामन केंद्रे, जिन्होंने रिवाइज़िंग कमिटी का नेतृत्व किया, ने इसपर कमेंट नहीं किया।

  • ट्रेड एनालिस्ट गिरीश जौहर के अनुसार, “फिल्म की ओपनिंग ठीक रही, लेकिन कंटेंट वर्ड ऑफ माउथ पर टिकेगा।”

भविष्य की उम्मीदें

फिल्म का बजट छोटा है, स्टारकास्ट में सिर्फ आमिर खान ही मेन फेस हैं। ओटीटी से दूरी बनाकर, आमिर एक नया मॉडल सेट करना चाह रहे हैं – पर क्या पब्लिक इस एक्सपेरिमेंट के साथ है?

वीकेंड की कमाई तय करेगी कि आमिर का यह “सिनेमा सुप्रीमसी मिशन” सफल होता है या सिर्फ एक और नैतिकता वाली क्लास बनकर रह जाता है।

Moral Science या Real Cinema?

“Sir, pehle aap chup rahiye” – फिल्म का यह डायलॉग अपने-आप में आमिर के ऊपर एक कटाक्ष जैसा लगता है। शायद अब समय है कि आमिर अपने किरदारों को बोलने दें और दर्शकों को सोचने।

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