2 जून की सुबह तमिल फिल्म इंडस्ट्री के लिए एक गहरे सदमे वाली खबर आई। मशहूर निर्देशक Vikram Sugumaran का 47 वर्ष की उम्र में दिल का दौरा पड़ने से निधन हो गया। हैरानी की बात यह है कि वह उस वक्त बस से मदुरै से चेन्नई लौट रहे थे, जब उन्हें सीने में तेज़ दर्द हुआ। अस्पताल ले जाने की तमाम कोशिशों के बावजूद डॉक्टर उन्हें नहीं बचा सके। इस खबर से न सिर्फ फिल्म इंडस्ट्री बल्कि उनके चाहने वालों के दिलों को भी गहरा आघात पहुंचा है।
‘रावण कोट्टम’ और अधूरा सपना
Vikram Sugumaran की आखिरी फिल्म ‘रावण कोट्टम’ (2023) थी, जिसमें अभिनेता शंतनु भाग्यराज मुख्य भूमिका में थे। यह फिल्म भी सामाजिक और राजनीतिक मुद्दों से जुड़ी थी, जो उनकी फिल्मों की एक खासियत रही है। इस फिल्म के जरिए उन्होंने फिर से यह साबित कर दिया कि वो मसाला सिनेमा से अलग हटकर गहरी और सोचने पर मजबूर करने वाली कहानियों को बड़े पर्दे पर लाने में माहिर हैं।
बताया जा रहा है कि विक्रम अपनी अगली फिल्म की स्क्रिप्ट लेकर मदुरै एक प्रोड्यूसर से मिलने गए थे। यह फिल्म ‘माउंटेनियरिंग’ यानी पर्वतारोहण पर आधारित थी, जो उनके फिल्मी कैनवास के विस्तार को दर्शाता है। दुर्भाग्यवश, वह स्क्रिप्ट अधूरी ही रह गई।

साधारण शुरुआत से सफल निर्देशन तक का सफर
Vikram Sugumaran का जन्म परमकुड़ी (जिला रामनाथपुरम, तमिलनाडु) में हुआ था। सिनेमा के प्रति गहरी रुचि ने उन्हें चेन्नई की ओर खींच लाया। उन्होंने अपने करियर की शुरुआत तमिल सिनेमा के दिग्गज निर्देशक बालू महेन्द्रा के सहायक के रूप में की थी। 1999–2000 के दौरान वह ‘Julie Ganapathy’ जैसी फिल्मों से जुड़े।
हालांकि उन्हें असली पहचान मिली 2013 में आई फिल्म ‘मधा यानाई कूटम’ से। इस ग्रामीण पृष्ठभूमि वाली सामाजिक फिल्म ने न केवल दर्शकों का दिल जीता, बल्कि फिल्म समीक्षकों से भी खूब तारीफें बटोरीं। उनकी कहानी कहने की शैली जितनी सच्ची थी, उतनी ही गहराई लिए होती थी।
शोक में डूबी तमिल फिल्म इंडस्ट्री
Vikram Sugumaran के निधन की खबर जैसे ही सोशल मीडिया पर फैली, तमिल फिल्म इंडस्ट्री में शोक की लहर दौड़ गई। निर्देशक, लेखक, अभिनेता और प्रशंसक – हर कोई इस अचानक हुए नुकसान को पचा नहीं पा रहा।
अभिनेता शंतनु भाग्यराज, जो ‘रावण कोट्टम’ में विक्रम के साथ काम कर चुके थे, ने X (पूर्व में ट्विटर) पर लिखा –
“#RIP dearest brother @VikramSugumara3. मैंने तुमसे बहुत कुछ सीखा और हर एक पल को सहेजकर रखूंगा… बहुत जल्दी चले गए… तुम्हारी बहुत याद आएगी।”
उन्होंने विक्रम के साथ शूटिंग के दौरान की कुछ तस्वीरें भी साझा कीं, जिन्हें देखकर हर फैन की आंखें नम हो गईं।

गपशप और चर्चा: कमर्शियल सिनेमा से दूरी, इंडस्ट्री में अलग पहचान
फिल्म इंडस्ट्री में Vikram Sugumaran की छवि गंभीर और प्रतिबद्ध निर्देशक के रूप में थी। उन्होंने कभी भी कमर्शियल ट्रेंड्स के पीछे भागने की कोशिश नहीं की, और यही बात उन्हें खास बनाती थी। हालांकि कई प्रोडक्शन हाउसेज़ ने उनके विचारों को “ज़्यादा जोखिम भरा” बताया था, पर विक्रम अपने मूल्यों से कभी समझौता नहीं करते थे।
कुछ लोगों का मानना है कि कमर्शियल फिल्म इंडस्ट्री से दूरी बनाकर रखने के कारण उन्हें बड़े बजट की फिल्में करने के मौके कम मिले, लेकिन उन्होंने अपनी सीमित संसाधनों में भी सशक्त कहानियां पेश कीं। एक बार उन्होंने एक इंटरव्यू में कहा था —
“सिनेमा सिर्फ मनोरंजन नहीं, समाज का आईना भी होना चाहिए।”
फैंस की भावनाएं और सोशल मीडिया की प्रतिक्रिया
सोशल मीडिया पर फैंस ने #RIPVikramSugumaran और #MadhaYaanaiKootam जैसे हैशटैग्स के साथ पोस्ट करना शुरू कर दिया। एक यूज़र ने लिखा —
“ऐसे फिल्ममेकर आजकल कम देखने को मिलते हैं, जो जमीनी सच्चाई को पर्दे पर उतारते हैं।”
एक और यूज़र ने कहा —
“हमने सिर्फ एक निर्देशक नहीं, एक सोच को खो दिया है।”

परिवार और अंतिम संस्कार की जानकारी
Vikram Sugumaran अपने पीछे पत्नी और दो बच्चों को छोड़ गए हैं। उनका परिवार चेन्नई में रहता है। अंतिम संस्कार की रस्में चेन्नई में ही पूरी की गईं, जिसमें कई फिल्मी हस्तियों ने हिस्सा लिया।
अंतिम विचार: एक अधूरी कहानी
Vikram Sugumaran की मृत्यु ने यह एक बार फिर साबित कर दिया कि जिंदगी कितनी अनिश्चित है। उन्होंने समाज को जो संदेश दिए, वह हमेशा तमिल सिनेमा के पन्नों में अमर रहेंगे। उनकी अधूरी फिल्म, अधूरी कहानियां और उनके सिद्धांत अब सिर्फ यादों में रह जाएंगे।

🙏 विनम्र श्रद्धांजलि – विक्रम सुगुमरन (1977–2025) 🙏