“The Bengal Files Review: दमदार परफॉर्मेंस ने बचाई फिल्म, मुंबई में अचानक शो कैंसिल से दर्शक परेशान”

Table of Contents

  1. हुक: एक चौंकाने वाली घटना

  2. The Bengal Files का संक्षिप्त परिचय और कहानी

  3. समयरेखा और आंकड़े

  4. पब्लिक और सोशल मीडिया की प्रतिक्रिया

  5. कंट्रोवर्सी और कानूनी अड़चनें

  6. विशेषज्ञों और एक्टर्स की टिप्पणियाँ

  7. गोशिप और हल्की चुहलबाज़ी

  8. निष्कर्ष और CTA

हुक: एक चौंकाने वाली घटना

तोसो का वार… मुंबई में सुबह की पहली शो अचानक रद्द! सुबह के 9 बजे के शो के लिए आधे टिकट बिके थे, लेकिनMoviemax, Kanjurmarg में अचानक शो कैंसिल कर दिया गया। दर्शक लाइन में खड़े थे – “Shivaji Maharaj ka bhoomi hai yeh, Kolkata nahi”—ऐसा प्रचंड गुस्सा सोशल मीडिया पर वायरल हुआ। एक घंटे बाद मैनेजर ने इस पर तुरंत कार्रवाई की और शो शुरू कराया, लेकिन सवाल यह है—क्या यह साजिश थी या राजनीति?

फिल्म का संक्षिप्त परिचय और कहानी

फिल्म: The Bengal Files
निर्देशक: विवेक अग्निहोत्री
स्टार कास्ट: मिथुन चक्रवर्ती, पल्लवी जोशी, दर्शन कुमार, सिमरत कौर, अनुपम खेर, सास्वत चट्टोपाध्याय, नामाशी चक्रवर्ती और अन्य 
रेटिंग: ★★★ (3 स्टार) – परफॉर्मेंस शानदार, लेकिन लंबाई थकाऊ

The Bengal Files 1946 की डायरेक्ट एक्शन डे (कोलकाता दंगों) और नोआखली की त्रासदी को दर्शाती है। कहानी दो मुख्य पात्रों – शिव पंडित (दर्शन कुमार) और भारती बनर्जी (पल्लवी जोशी/सिमरत कौर) – की पीड़ा और अतीत से जुड़ी हुई वर्तमान घटना से जुड़ती है।

समयरेखा और आंकड़े

तारीख / घटनाविवरण
5 सितंबर 2025The Bengal Files रिलीज — लेकिन पश्चिम बंगाल में थिएटर मालिकों ने आपसी निर्णय से नहीं दिखाई
पहला दिन (Day 1)बॉक्स ऑफिस कलेक्शन ₹1.75 करोड़ — Baaghi 4 के ₹12 करोड़ से बहुत पीछे 
रनटाइम204 मिनट (3 घंटे 24 मिनट) — भारतीय सिनेमा में अब तक की सबसे लंबी फिल्मों में

जनता और सोशल मीडिया की प्रतिक्रिया

सोशल मीडिया पर फिल्म को “gut-wrenching”, “इतिहास आँखों के सामने” जैसे टैग मिले। एक यूज़र ने लिखा:

“This is not just cinema… it’s HISTORY on screen. Unmissable & unforgettable!” 
एक और ने लिखा:
“This is Chatrapathi Shivaji’s land, not Kolkata, to cancel a film show like this” 

फिल्म के ग्राफीक दृश्यों और भावनात्मक तह की वजह से दर्शक झटके में हैं, लेकिन सिनेमाई लंबाई ने कुछ थकन भी दी।

 

कंट्रोवर्सी और कानूनी अड़चनें

  • पश्चिम बंगाल में “अनौपचारिक प्रतिबंध” — थिएटर मालिकों की आपसी सहमति से The Bengal Files नहीं दिखाई गई, निर्देशक ने राजनीतिक दबाव का दावा किया 

  • गोपाल पाठा विवाद गोपाल पाठा के पोते ने हाई कोर्ट में फालतू दिखाने को फर्ज़ी बताया, कहा कि फिल्म उनके दादा को “मुस्लिम-घृणित कसाई” के रूप में प्रस्तुत कर रही है। उन्होंने सम्मान बचाने के लिए एडिट और कट्स की मांग की

  • ट्रेलर लॉन्च रद्द — कोलकाता में पुलिस ने अनुमति न होने का हवाला देकर ट्रेलर रोक दिया, जिससे आर्टिस्टिक फ्रीडम पर सवाल खड़े हुए

the bengal files

विशेषज्ञों और एक्टर्स की टिप्पणियाँ

  • विवेक अग्निहोत्री ने कहा कि The Bengal Files एक ऐतिहासिक सच्चाई सामने लाने का साहसिक प्रयास है, और उन्होंने पश्चिम बंगाल सरकार से इसका प्रतिबंध नहीं लगाने का आग्रह किया 

  • सास्वत चट्टोपाध्याय (जो फिल्म में विरोधी भूमिका में हैं) ने खुद को इतिहासकार नहीं बताया और विवाद से दूरी बनाई 

  • पल्लवी जोशी ने राष्ट्रपति को पत्र लिखा, इसे “लोकतंत्र पर हमला” बताया और असहमति व्यक्त की 

  • क्रिटिक्स – इंडियाटुडे ने कहा, “हिंसक पर बहुत ईमानदार लेकिन कहानी थकी हुई”  कई रिव्यू में फिल्म को विभाजनकारी और एक-साइडेड बताया गया, जिसने गांधी के चिंतन को भी उलझाया

गोशिप और हल्की चुहलबाज़ी

  • सोशल मीडिया पर एक तेज़ चर्चा बनी: “गोपाल पाठा को कसाई दिखाना वाकई ‘ट्रेलर ड्रामा’ या सच्चाई?”

  • एक ट्वीट में मज़ाक उड़ाया गया: “काश थी वेस्ट बंगाल में शिवाजी ज़िंदाबाद का स्टिकर!”

  • खबरों में छिपी ये “कंट्रोवर्सी की चटपटी मसाला” दर्शकों को और भी खींच रही है।

निष्कर्ष और CTA

निष्कर्ष:
The Bengal Files एक शक्तिशाली और भावनात्मक फिल्म है, जिसमें जबरदस्त परफॉर्मेंस हैं—विशेषकर पल्लवी जोशी, दर्शन कुमार और सिमरत कौर की—but इसकी लंबाई, ग्राफीक हिंसा और कंट्रोवर्सी इसे एक थका देने वाला अनुभव भी बनाती है। यह एक बयान वाली फिल्म ज़रूर है, लेकिन दर्शकों को हमेंशा की तरह सावधानी के साथ ही देखना चाहिए।

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