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“दिल्ली HC का बड़ा फैसला: ‘वीरा राजा वीरा’ पर आदेश हुआ रद्द, AR Rahman को राहत”

दिल्ली हाईकोर्ट ने बुधवार को एक ऐसा फैसला सुनाया है जिसने संगीतकार AR Rahman के लिए लंबी कानूनी झंझट में राहत की हवा ला दी है। उन पर लगे ‘Veera Raja Veera’ गाने से जुड़े कॉपीराइट मामले में एक सिंगल- जज द्वारा जारी अंतरिम निषेधाज्ञा (interim injunction) को अब कोर्ट ने रद्द कर दिया है। यह विवाद तमिल फिल्म Ponniyin Selvan II (2023) के गाने को लेकर था।

⏳ मामला और टाइमलाइन

तारीखघटना
अप्रैल 2025सिंगल-जज (Justice Prathiba M. Singh) ने आदेश दिया कि Veera Raja Veera गाने को Shiva Stuti से “समान (identical)” माना जाए; आदेश में कहा गया कि रहमान और प्रोड्यूसर्स को डागर बंधुओं को सभी ऑनलाइन प्लेटफार्मों पर क्रेडिट देना चाहिए, ₹2 करोड़ जमा करें, और ₹2 लाख खर्च चुकाएँ।
मई 2025 AR Rahman ने इस आदेश के खिलाफ अपील दाखिल की; दिल्ली HC की डिविज़न बेंच ने सिंगल-जज के कुछ आदेशों को रोका (stay) दिया, लेकिन ₹2 करोड़ जमा करने का निर्देश जारी रखा।
24 सितंबर 2025डिविज़न बेंच (Justices C. Hari Shankar और Om Prakash Shukla) ने सिंगल-जज की अंतरिम निषेधाज्ञा को पूरी तरह से रद्द कर दिया। कोर्ट ने कहा कि उन्होंने यह फैसला “प्रिंसिपल” की दृष्टि से किया है; अभी तक ये नहीं देखा गया कि वास्तव में कॉपीराइट का उल्लंघन हुआ है या नहीं।

🎯 कौन है डागर परिवार और उनकी दलीलें

  • उस्ताद फैयाज वसीउद्दिन डागर, पद्मश्री से सम्मानित कलाकार, ने दावा किया कि Veera Raja Veera गाने के ताल-छंद (taal, beat), संगीत संरचना (musical structure) और धुन Shiva Stuti गाने जैसी हैं, सिर्फ शब्दों (lyrics) में बदलाव हैं।

  • Shiva Stuti को उन्होंने 1970 के दशक की कलात्मक रचना बताया है, जो उनके पिता (Nasir Faiyazuddin Dagar) और चाचा (Zahiruddin Dagar) ने बनाई थी। वह यह भी कहते हैं कि यह रचना अंतरराष्ट्रीय मंचों पर भी सुनाई गई है।

 

🛡️ AR Rahman की दलीलें

  •  AR Rahman की ओर से तर्क किया गया कि Shiva Stuti ध्रुपद (Dhrupad) शैली की पारंपरिक रचना है और यह सार्वजनिक डोमेन (public domain) का हिस्सा है।

  • साथ ही उनका कहना है कि Veera Raja Veera एक मौलिक (original) रचना है, जिसमें पश्चिमी संगीत सिद्धांतों (Western musical fundamentals) का इस्तेमाल हुआ है, और यह कि गीत में संगीत की पर्त-पर्त (layers), टेक्निकल संरचना, मेलोडी आदि काफी विविध (distinct) हैं, जहाँ परंपरागत हिंदुस्तानी शास्त्रीय संगीत के सामान्य पहलुओं से आगे जाते हैं।

ar rahman

🚨 दिल्ली HC का ताजा फैसला और उसका मतलब

  • डिविज़न बेंच ने सिंगल-जज के उस अंतरिम निषेधाज्ञा के आदेश को हटाया है, जिससे Veera Raja Veera गाना ऑनलाइन और अन्य माध्यमों पर जारी रह सकेगा।

  • लेकिन, अदालत ने यह साफ कर दिया है कि अभी यह नहीं तय हुआ है कि गाना वास्तव में कानून की दृष्टि से उल्लंघन (infringement) है या नहीं। इस मुद्दे पर फैसला बाद में आएगा जब पूरी सुनवाई हो जाएगी।

💬 वकील और पक्षकार

  •  AR Rahman की ओर से Saikrishna & Associates की टीम ने दलील पेश की।

  • डागर परिवार की ओर से Mason & Associates की टीम मौजूद थी।

✅ जनता की प्रतिक्रिया और असर

  • सोशल मीडिया पर इस फैसले को बड़ी राहत के रूप में देखा जा रहा है — बहुत से लोग कह रहे हैं कि अगर हर गाना जिसमे पारंपरिक संगीत या धुनों की झलक हो, उसको कॉपीराइट का उल्लंघन मान लिया जाए, तो संगीत की आज़ादी मुश्किल हो जाएगी।

  • दूसरी ओर, कुछ लोग यह भी कह रहे हैं कि अगर एक कुशल कलाकार की धुन किसी पुराने गीत से मिलती हो, तो मूल रचनाकारों (original creators) को सम्मान और क्रेडिट मिलना चाहिए।

🔚 निष्कर्ष

इस फैसले ने AR Rahman को फिलहाल कानूनी दबाव से निजात दिलाई है, लेकिन Veera Raja Veera और Shiva Stuti के बीच विवाद की गहराई अभी बनी हुई है। अदालत ने “प्रिंसिपल” की दृष्टि से सिंगल-जज के आदेश को रद्द किया है, लेकिन असली फैसला उतना आसान नहीं होगा।

📢 आपका क्या मानना है?

क्या आपको लगता है कि संगीत में पारंपरिक तत्वों की पुनरावृत्ति (influence) को भी कॉपीराइट उल्लंघन माना जाना चाहिए? या होना चाहिए कि हर कलाकार को स्वतंत्रता हो? नीचे कमेंट करें, सोच साझा करें और इस लेख को शेयर करें ताकि और लोग भी इस विवादित मुद्दे पर राय रखें।

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