Kedarnath: ऋषिकेश स्थित अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) के पास ही यह हेलिकॉप्टर था, जो एक मरीज को लेने केदारनाथ आया था।
मकैनिकल समस्या के कारण केदारनाथ में उनके हेलीकॉप्टर को आपातकालीन लैंडिंग करनी पड़ी, जिससे तीन लोग बाल-बाल बच गए। ऋषिकेश में अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) के पास ही वह हेलीकॉप्टर था, जो केदारनाथ में एक मरीज को लेने आया था।
जिला पर्यटन विकास अधिकारी राहुल चौबे ने बताया कि हेलीकॉप्टर के टेल रोटर में तकनीकी समस्या आ गई थी। हालांकि, सभी यात्री सुरक्षित बताए जा रहे हैं।
हेलीपैड से मात्र दस मीटर की दूरी पर ही हेलीकॉप्टर के पायलट ने आपातकालीन लैंडिंग की। राहतकर्मी और स्थानीय अधिकारी तुरंत मौके पर पहुंच गए।
इस घटना की जांच नागरिक उड्डयन महानिदेशालय (डीजीसीए) द्वारा की जाएगी। इस साल चारधाम यात्रा के दौरान तीन हेलीकॉप्टर दुर्घटनाएं हो चुकी हैं।
इससे पहले 8 मई को उत्तरकाशी जिले के गंगनानी में एक हेलीकॉप्टर दुर्घटनाग्रस्त हो गया था, जिसमें छह लोगों की मौत हो गई थी और पायलट समेत एक व्यक्ति घायल हो गया था।

केदारनाथ के बारे में जानने योग्य बातें
तथ्य / चित्र | विवरण |
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1. तैरते बर्फ के लिंगम का रहस्य | स्थानीय मान्यता है कि कुछ महीनों में शिवलिंग प्राकृतिक रूप से बर्फ से बनता है, हालांकि इसका वैज्ञानिक प्रमाण नहीं है। |
2. मंदाकिनी नदी का अदृश्य स्रोत | यह चोराबारी ग्लेशियर के पास से निकलती है, लेकिन इसका वास्तविक भूमिगत स्रोत आज भी एक रहस्य है। |
3. 2013 की आपदा में चमत्कारिक रक्षा | बाढ़ में मंदिर बच गया; पीछे की एक चट्टान ने मंदिर को मलबे से बचाया — जिसे “भैरवनाथ की चट्टान” कहा जाता है। |
4. गारे से नहीं बनाया गया | विशाल पत्थरों को बिना गारे के जोड़कर बनाया गया — यह हिमालयीन शिल्पकला का जीवंत प्रमाण है। |
5. चुंबकीय ऊर्जा बिंदु | योगियों का मानना है कि यहां ध्यान करने से गहरा आध्यात्मिक अनुभव होता है क्योंकि यह चुंबकीय ऊर्जा से भरपूर क्षेत्र है। |
6. आदि शंकराचार्य की गुप्त समाधि | कहा जाता है कि उन्होंने मंदिर के पीछे मोक्ष प्राप्त किया; उनकी प्रतिमा का अनावरण 2021 में हुआ। |
7. वर्ष में केवल 6 महीने खुला रहता है | मंदिर अप्रैल–मई में खुलता है और अक्टूबर–नवंबर में बंद हो जाता है; बाक़ी 6 महीने बर्फ में ढका रहता है। |
8. हजारों वर्ष पुराना इतिहास | यह मंदिर 1,000 से अधिक वर्ष पुराना माना जाता है; कुछ मान्यताओं के अनुसार इसकी उत्पत्ति 3,000 BC की है। |
9. कोई सीधी सड़क नहीं | गौरीकुंड से 16-18 किमी की पैदल यात्रा से ही मंदिर तक पहुँचा जा सकता है। |
10. शिव का अंतर्ध्यान बिंदु | मान्यता है कि शिव यहां पांडवों से छिपते हुए धरती में समा गए और उनका कूबड़ एक लिंगम के रूप में प्रकट हुआ। |

हिंदू धर्म में सबसे पवित्र तीर्थ स्थलों में से एक केदारनाथ है, जो भगवान शिव को समर्पित है। यमुनोत्री, गंगोत्री, केदारनाथ और बद्रीनाथ के साथ, यह चार धाम यात्रा का एक हिस्सा है।
स्कंद पुराण के अनुसार, भगवान शिव ने केदारनाथ में अपनी जटाओं से गंगा के पवित्र जल को छोड़ा था, तब गंगा नदी का निर्माण हुआ था।
महाभारत के पांडव भाइयों को मंदिर के निर्माण का श्रेय दिया जाता है। दार्शनिक आदि शंकराचार्य, जो आठवीं शताब्दी में रहते थे और जिनके बारे में कहा जाता है कि उन्होंने मंदिर के पास समाधि प्राप्त की थी, ने इसे फिर से जीवित किया।
तीर्थयात्रा सीजन: 10 मई, 2025 को चार धाम यात्रा शुरू हुई और केदारनाथ में तीर्थयात्रियों की भारी भीड़ उमड़ी।
हेलीकॉप्टर सेवाएं: तीर्थयात्रियों की भाड़ी भीड़ को संभालने के लिए कई हेलीकॉप्टर सेवाएं केदारनाथ के लिए प्रतिदिन यात्राएं चलाती हैं।
पहले की घटनाएं: अक्टूबर 2022 में केदारनाथ में एक हेलीकॉप्टर दुर्घटना में सात लोगों की जान चली गई और इस क्षेत्र में विमानन गतिविधि को लेकर चिंताएँ पैदा हो गईं।

केदारनाथ हेलीकॉप्टर की आपातकालीन लैंडिंग
श्रेणी | विवरण |
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घटना की तिथि | 17 मई, 2025 |
स्थान | केदारनाथ हेलीपैड के पास, उत्तराखंड, भारत |
हेलीकॉप्टर ऑपरेटर | केस्ट्रेल एविएशन |
सवार लोग | 6 तीर्थयात्री + 1 पायलट |
घटना का प्रकार | तकनीकी खराबी के कारण आपातकालीन लैंडिंग |
रिपोर्ट की गई क्षति | टेल रोटर उतरते समय बीच में टूट गया |
हताहतों की संख्या | कोई नहीं (सभी सुरक्षित) |
जांच प्राधिकरण | नागरिक उड्डयन महानिदेशालय (DGCA) |
मौसम की स्थिति | साफ मौसम, दृश्यता सामान्य |
वीडियो साक्ष्य | वायरल फुटेज में हेलीकॉप्टर घूमता हुआ उतरते समय देखा गया |
केदारनाथ का पौराणिक महत्व
पहलू | विवरण |
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भगवान जिनकी पूजा की जाती हैं | भगवान शिव |
मंदिर की उत्पत्ति | कहा जाता है कि इसे पांडवों ने बनवाया था; आदि शंकराचार्य ने इसका पुनरुद्धार किया |
चार धाम कनेक्शन | उत्तराखंड के चार पवित्र चार धाम तीर्थ स्थलों में से एक |
पौराणिक कहानी | भगवान शिव से जुड़ी है जो पांडवों से बच निकले थे; उनका कूबड़ केदारनाथ में लिंगम रूप में प्रकट हुआ |
धार्मिक महत्व | 12 ज्योतिर्लिंगों में से एक माना जाता है |
यात्रा के लिए सबसे अच्छा समय | मई से अक्टूबर |
समुद्र तल से ऊँचाई | 3,583 मीटर (11,755 फीट) |

केदारनाथ में वीआईपी यात्राएँ: उल्लेखनीय व्यक्तित्व और यात्रा के उद्देश्य
नाम | पदनाम / पेशा | यात्रा का उद्देश्य | वर्ष (वर्ष) |
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नरेंद्र मोदी | भारत के प्रधान मंत्री | वार्षिक आध्यात्मिक वापसी और मंदिर दर्शन | 2017, 2019, 2021, 2022, 2023 |
अमित शाह | केंद्रीय गृह मंत्री | तीर्थयात्रा और सुरक्षा समीक्षा | 2019, 2022 |
योगी आदित्यनाथ | उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री | धार्मिक तीर्थयात्रा | 2017, 2023 |
अजीत डोभाल | राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (NSA) | चार धाम क्षेत्र का सुरक्षा मूल्यांकन | 2021 |
सचिन तेंदुलकर | क्रिकेटर | परिवार के साथ आध्यात्मिक यात्रा | 2023 |
अनुपम खेर | अभिनेता | धार्मिक और सामाजिक आउटरीच | 2022, 2023 |
रविशंकर प्रसाद | भाजपा सांसद और वरिष्ठ नेता | राजनीतिक और आध्यात्मिक यात्रा | 2022 |
राहुल गांधी | कांग्रेस नेता | भारत जोड़ो यात्रा के दौरान आध्यात्मिक यात्रा (रिपोर्ट) | 2022 |
बाबा रामदेव | योग गुरु व पतंजलि संस्थापक | लगातार तीर्थयात्री और आध्यात्मिक पर्यटन को बढ़ावा देना | कई वर्षों से |
सद्गुरु जग्गी वासुदेव | आध्यात्मिक गुरु, ईशा फाउंडेशन | हिमालयी तीर्थयात्राओं और पारिस्थितिकी मिशनों को बढ़ावा देना | कई वर्षों से |