MAMI Mumbai Film Festival 2025 को प्रायोजकों की कमी के कारण रद्द कर दिया गया; Hansal Mehta ने इसे ‘क्रूर विडंबना’ बताया और सिनेमाघरों को दोषी ठहराया

📌 अनुक्रमणिका (Table of Contents):

  1. MAMI Mumbai Film Festival 2025: 28 साल में पहली बार MAMI रद्द

  2. Hansal Mehta का गुस्सा: “यह विडंबना है!”

  3. इतिहास और महत्व: क्या है MAMI Festival?

  4. प्रायोजकों की वापसी और अंदरूनी राजनीति

  5. जनता और इंडस्ट्री की प्रतिक्रिया

  6. विशेषज्ञों की राय: “कल्चर का नुकसान है!”

  7. अब आगे क्या? 2026 की तैयारी

  8. निष्कर्ष और CTA

🛑MAMI Mumbai Film Festival 2025 : 28 साल में पहली बार MAMI रद्द

मुंबई का प्रतिष्ठित MAMI मुंबई फिल्म फेस्टिवल 2025 रद्द कर दिया गया है। यह फेस्टिवल पिछले 28 वर्षों से भारत के फिल्म प्रेमियों और इंडिपेंडेंट सिनेमा के लिए एक प्रमुख मंच रहा है।

फेस्टिवल डायरेक्टर शिवेंद्र सिंह डूंगरपुर ने सोमवार को आधिकारिक बयान में कहा:

“हम 2025 संस्करण को रद्द कर रहे हैं क्योंकि हम फेस्टिवल को एक नई टीम और नए विजन के साथ फिर से तैयार कर रहे हैं।”

😠 Hansal Mehta का गुस्सा: “यह विडंबना है!”

फिल्म निर्देशक हंसल मेहता ने इस फैसले पर तीखी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने एक्स (पूर्व ट्विटर) पर लिखा:

“यह एक क्रूर विडंबना है कि मुंबई, जो खुद को भारत की सिनेमा राजधानी कहता है, वह अपना ही फिल्म फेस्टिवल नहीं बचा पाया। सिनेमा के स्वयंभू रखवालों ने इसे छोड़ दिया। आज यह एक सांस्कृतिक शून्य में बदल गया है।”

उनके इस बयान ने इंडस्ट्री में नई बहस छेड़ दी है।

MAMI

🏛️ इतिहास और महत्व: क्या है MAMI Festival?

वर्षप्रमुख योगदानकर्ताफेस्टिवल डायरेक्टरस्पॉन्सर
1997Aamir Khan (डोनेशन), Kiran RaoVariousइंडिपेंडेंट
2023Priyanka Chopra (चेयरपर्सन)Anupama ChopraJio
2024Shivendra Singh Dungarpurकोई नहीं
2025रद्द कर दिया गयाप्रायोजन विफल

MAMI की शुरुआत 1997 में Mumbai Academy of Moving Image द्वारा हुई थी। इसने कई इंटरनेशनल और इंडिपेंडेंट फिल्मों को मंच दिया। यह उन कुछ गिने-चुने मंचों में से एक था जो भारतीय रीजनल सिनेमा को ग्लोबल एक्सपोजर देता था।

💰 प्रायोजकों की वापसी और अंदरूनी राजनीति

2023 तक MAMI को Jio द्वारा स्पॉन्सर किया जाता था, लेकिन 2024 में उन्होंने स्पॉन्सरशिप से हाथ खींच लिया। इसके बाद अनुपमा चोपड़ा ने फेस्टिवल डायरेक्टर के पद से इस्तीफा दे दिया और डूंगरपुर ने पदभार संभाला।

यह बदलाव संकेत देता है कि प्रबंधन में मतभेद और फंडिंग की कमी दोनों ने मिलकर इस प्रतिष्ठित आयोजन को हिला दिया।

MAMI

👥 जनता और इंडस्ट्री की प्रतिक्रिया

सोशल मीडिया पर लोगों ने जमकर प्रतिक्रिया दी:

🗣 “यह केवल एक फेस्टिवल नहीं, बल्कि हमारी पहचान थी!” – @film_buff_mumbai
🗣 “Jio जैसे ब्रांड का यू-टर्न बताता है कि कल्चर से ज्यादा अब मार्केटिंग मायने रखती है।” – @cinemalover_delhi

🧠 विशेषज्ञों की राय: “कल्चर का नुकसान है!”

🎙️ सुदीप्तो सेन (फिल्म समीक्षक):

“यह केवल एक आयोजन नहीं, बल्कि इंडिपेंडेंट फिल्ममेकर्स के लिए लाइफलाइन था। इसके रुकने से नई आवाज़ें दब जाएंगी।”

🎙️ नीलिमा शाह (फिल्म विद्वान):

“भारत में पहले से ही बहुत कम मंच हैं जहाँ वास्तविक सिनेमा को जगह मिलती है। यह नुकसान अपूरणीय है।”

🚀 अब आगे क्या? 2026 की तैयारी

शिवेंद्र सिंह डूंगरपुर ने बयान में कहा:

“हम 2026 में फेस्टिवल को बेहतर तरीके से पेश करेंगे। एक नई टीम और मजबूत विजन के साथ MAMI फिर लौटेगा।”

हालांकि सवाल यह उठता है:
🔍 क्या तब तक दर्शकों और क्रिएटिव लोगों का भरोसा लौटेगा?

MAMI

 निष्कर्ष:

MAMI Mumbai Film Festival का 2025 में न होना सिर्फ एक फेस्टिवल का रद्द होना नहीं, बल्कि भारत की सिने संस्कृति को लगी एक गहरी चोट है।

हंसल मेहता की बातों से सहमत न होना मुश्किल है। मुंबई जैसे शहर में अगर एक कला मंच आर्थिक वजहों से बंद हो जाए, तो यह कला के लिए खतरे की घंटी है।

📢 Call to Action (CTA):

🎬 आपका क्या मानना है? क्या MAMI को सरकार या फिल्म इंडस्ट्री से मदद मिलनी चाहिए? नीचे कमेंट करें और अपनी राय ज़रूर साझा करें।

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